थोडा सा माखन खिला दो न राधा,
मांगू न फिर तुमसे करू न वाधा मटकी को हाथ लगाने न दूंगी
कन्हैया माखन न खाने दूँगी
रोज रोज माखन चुराते हो कान्हा
फोड़ दूंगा मटकी जो दो गे न राधा,
मटकी के पास तुम्हे आने न दूंगी
कन्हैया माखन न खाने दूँगी
मुरली बजाते तुम मटकी गिराते आता है
मजा जब तुम को सताते,
माखन का स्वाद तुम्हे पाने न दूंगी
कन्हैया माखन न खाने दूँगी
करुगी शिकायत मैं मैया से तेरी ऐसा न करना सुनो राधा रानी मेरी
बीस बाल थामा को बचाने न दूंगी
कन्हैया माखन न खाने दूँगी
Don’t feed me a little butter, Radha.
I will not ask you again, nor will I allow Wadha Matki to touch my hand.
Kanhaiya will not let you eat butter
Kanha steals butter everyday
I will break the matki which I don’t give Radha,
Won’t let you come near the pot
Kanhaiya will not let you eat butter
While playing the flute, you keep dropping the matki.
Have fun when you are tormented,
Won’t let you get the taste of butter
Kanhaiya will not let you eat butter
I will complain to my mother, don’t listen to me Radha Rani
I will not let you save twenty hairs
Kanhaiya will not let you eat butter