कोई तिरछी नज़र से ना देखो के श्याम मेरा बडा सलोना है
पहली बधाई बाबा नन्द जी की आयी,
नन्द जी ने खुशियाँ मनायी के श्याम मेरा बडा सलोना है,
कोई तिरछी……
दुसरी बधाई माता यशोदा की आयी,
यशोदा ने खुशियाँ मनायी के श्याम मेरा बडा सलोना है,
कोई तिरछी…….
तीसरी बधाई सब ग्वालो की आयी,
ग्वालो ने खुशियाँ मनायी के श्याम मेरा बडा सलोना है,
कोई तिरछी……..
चौथी बधाई सब सखियो की आयी ,
सखियो ने खुशियाँ मनायी के श्याम मेरा बडा सलोना है,
कोई तिरछी……..
Don’t look with any prying eyes that Shyam is my big Salona
The first greetings came from Baba Nand ji.
Nand ji rejoiced that Shyam is my big Salona,
no slant……
The second congratulation came from Mother Yashoda.
Yashoda rejoiced that Shyam is my big Salona,
no slant……
The third congratulation came from all the cowherds,
The cowherds rejoiced that Shyam is my big Salona,
Any slant………
Fourth congratulation came from all the friends,
Friends rejoiced that Shyam is my big Salona,
Any slant………