लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ,
हे श्याम संभालो आकर है लाज तुम्हारे हाथ,
लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ,
शरणागत की बात तुझे निभानी आती है,
इसी भरोसे मैंने लिख दी प्रेम भरी ये पाती है,
इस चिठ्ठी में पढ़ लेना मेरे दिल के ये जज्बात,
लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ,
सारे जग की आस छोड़ कर जिसने तुझे बुलाया है,
आकर काज सँवारे तूने उसका मान बढ़ाया है ,
नरसी ने चिठ्ठी भेजी आये थे भरने भात,
लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ,
नरसी जैसे भाव नहीं है फिर भी है विस्वाश तेरा,
जीवन के हर मोड़ में मुझको होता है अब्बास तेरा ,
तेरी बात निहारे बीनू ले अशुवां की सौगात,
लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ,
It is written in the letter to you about your heart,
O Shyam, you are ashamed to come to your hands,
It is written in the letter to you about your heart,
You have to take refuge in the matter,
I have written on this trust, it is filled with love,
Read this letter in my heart,
It is written in the letter to you about your heart,
Leaving the hope of the whole world, the one who called you,
You have increased his honor by coming and adorning him.
Narsi had sent a letter to fill the rice,
It is written in the letter to you about your heart,
There is no emotion like Narsi, yet I have faith in you,
In every turn of life I have Abbas yours,
Beenu le Ashuvan’s gift, watch your words.
It is written in the letter to you about your heart,