कैसे आऊ पास मैं तेरे तू है कितनी दूर माँ,
मैं बड़ा लचार हु और मैं बड़ा मजूर माँ,
चलते चलते थक लिया मैं जिन्गदी की राहो में,
अब तो मुझपे मेहर करो लेलो अपनी बाहों में,
और माँ मुझको कुछ न चाहिए दिख ला अपना नूर माँ,
मैं बड़ा लचार हु और मैं बड़ा मजूर माँ,
यहाँ तो मुझको शक्ति देदे दुनिय के दुःख सेह सकू,
या तो मुझको मौत देदे दुनिया में न रह सकू,
बड़े बड़े पापियों को तूने कर दिया चकना चूर,
मैं बड़ा लचार हु और मैं बड़ा मजूर माँ,
हम माँ तेरे दर पे आये तेरी ज्योत जलायेगे,
पान सुपारी ध्वजा नारियल तेरी भेट चड़ाएगे,
दर्शन अभिलाषा हम को दर्शन देयो जरुर माँ,
मैं बड़ा लचार हु और मैं बड़ा मजूर माँ,
गुरु मनोहर सेवक तेरा निशदिन तुम्हे मनाता था,
तेरी किरपा से मैया हम को भी ज्ञान सिखाता था,
शर्मा भी चरणों का सेवक देना इसे सरुर माँ,
मैं बड़ा लचार हु और मैं बड़ा मजूर माँ,
How come you are near me, how far are you mother,
I am very helpless and I am very labored mother,
I got tired of walking in the way of life,
Now do me a favor, take me in your arms,
And mother, I don’t want anything, see my noor mother,
I am very helpless and I am very labored mother,
Here, give me strength, I can bear the sorrow of the world,
Either give me death, I cannot live in the world,
You have shattered the big sinners,
I am very helpless and I am very labored mother,
We mother will come at your door and light your flame,
Betel betel flag, coconut will offer you,
Darshan Abhilasha must give us darshan, mother,
I am very helpless and I am very labored mother,
Guru Manohar Sevak used to celebrate your auspicious day with you,
With your grace, Maya used to teach knowledge to us too.
Sharma is also a servant of the feet, give it to your mother,
I am very helpless and I am very labored mother,