मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हु
शिगिद पार की नील झंकार बन कर
मैं सतरंग सरगम लिए आ रही हु
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हु
सुनो मीत मेरे के मैं गीत गाला
तुम्हारे लिए हु मैं स्वर का उजाला
मैं लोह बन के जल जल जिए जा रही हु
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हु
मैं उषा के मन की मधुर साध पहली
मैं संदेया के नैनो में सुधि हो सुनहली
सुगम कर अगम को मैं दोहरा रही हु
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हु
मैं स्वरताल लेह हु लवलीन सरिता,
मयांचीन अनजाने कवी की हु कविता
जो तूम हो वो मैं हु ये बतला रही हु,
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हु
i’m singing only for you
By becoming the blue chime of the shigid cross
I am coming with Satrang Sargam
i’m singing only for you
Listen Meet Mere Ke Main Geet Gala
I am the light of voice for you
I am going to live on water like iron
i’m singing only for you
I am the first sweet soul of Usha’s mind
I meditate on Sandeya’s Nano
I am repeating Sugam Kar Agama
i’m singing only for you
Main Swartaal Leh Ho Loveleen Sarita,
Poetry of an unknown poet
I am who you are, I am telling this,
i’m singing only for you