मेरे कान्हा कहा तू गया,रो रो पुकारे तेरी राधा
तेरे बिना मेरे मोहना मैं हु आधी तू भी आधा,
छोड़ गया क्यों मुझ विरहन को,
ऐसा तू निर्मोही या तन लागे वो तन जाने,
और ना जाने कोई,
आजा रे आजा रे आ,अब तो लौट के आ,
मेरे कान्हा…
प्यार सीखा के मन में वसा के,
भूल गया क्यों मुझको तड़प तड़प के कटे रात दिन,
कैसे बताऊ तुझको आजा रे आजा रे आ,
और न अब तड़फा,
मेरे कान्हा ……….
सावन बरसे नैना तरसे,
फागुन लागे फीका होली दसहरा और दिवाली,
दीप जलाना घी का आजा रे आजा रे आ मुझको भी रंग जा,
मेरे कान्हा …………
श्याम सांवला रूप है तेरा मन का भी तू काला,
चुरा चुरा के माखन खाया दिल पे ढाका डाला,
आजा रे आजा रे आ दीक्षित को समजा,
मेरे कान्हा ………….
Where did you go to my Kanha, cry, call your Radha
Without you I am half my love, you are also half,
Why did I leave my separation,
If you feel like you are nirmohi or your body, that body knows,
And no one knows
Aaja re aaja re aa, now come back,
My kanha…
Love learned in the heart of fat,
Forgot why I was tormented night and day,
How can I tell you aaja re aaja re aa,
and no longer agonize,
My kanha………..
Sawan Barse Naina Tarse,
Fagun lage fade holi dussehra and diwali,
Lighting a lamp, aaja re aaja re aa re aaja of ghee, color me too,
My Kanha…………
Shyam is a dark form, you are also black in your mind,
ate butter after chura chura poured it on the heart,
Aaja re aaja re aa understand Dixit,
My Kanha…………