मेरे साई ने रखली लाज मेरी,
मेरे छोटे से घर में बैठ गये,
मेरी पूजा को स्वीकार किया,
मेरे मन मंदिर में बैठ गये,
मेरे साई ने रखली लाज मेरी…
सजदों ने दिखाई राह हमे सजदों से हमरा जीना भरा,
तेरी चौकठ से उठते ही हम तेरी राह गुजर में बैठ गये,
मेरे साई ने रखली लाज मेरी…..
रह जायेगे अध् रस्ते में पहुंचे गे भला वो लोग कहा,
मंजिल की तरफ चलते चलते,
जो लोग सफर में बैठ गये,
चिंता का ज़माना ख़त्म समज,
साई की इबादत करता जा,
खुद अपनी नजर में उठ बैठे,
जो उसकी नजर में बैठ गये,
मेरे साई ने रखली लाज मेरी
ठोकर से जहाँ को ठुकरा दे साई को अगर अपनाना है,
वो लोग ववर से निकल गये,
जो एक ही दर में बैठ गये,
मेरे साई ने रखली लाज मेरी
My sai kept my shame,
sat in my little house,
accepted my worship,
My mind sat in the temple,
My sai kept my shame…
Sajd showed us the way, filled our life with Sajd.
As soon as we got up from your door, we sat by your path,
My sai kept my shame…..
Those people who have reached half the road will be left and said,
walking towards the floor,
Those who sat on the journey,
The era of worry is over,
Keep praying to Sai
stood up in his own eyes,
who sat in his sight,
My sai kept my shame
If you want to adopt Sai wherever you stumbling,
Those people got out of the vavar,
who sat in the same rate,
My sai kept my shame