मेरे सांवरे की ये दया का असर है
जहाँ देखता हूँ ये आता नज़र है
मेरे सांवरे की ये …………
नज़र मथुरा काशी मेरी बन गयी हैं
नज़र में छवि श्याम की बस गई है
ाकभु घुमु गोकुल कभी वृन्दावन में
हज़ारों नज़ारें मेरे आज मन में
मेरा मन मुझ ही से यूँ हुआ बेखबर है
मेरे सांवरे की ये …………
कभी मटकियों से वो माखन चूरन
कभी कुंज गलियों में रास रचना
वो छूप छुप के राधे रानी का आना
बताऊँ क्या मंज़र हसीं है सुहाना
बगल राधे रानी और बंसी अधर है
मेरे सांवरे की ये …………
मुझे मिल गया है कृष्ण मुरारी
नज़र से नज़र की हुई बात सारी
बसी मन के अंदर हसीं श्याम सूरत
नहीं है किसी की मुझे अब ज़रूरत
हुआ धन्य शर्मा जो करी ये महर है
मेरे सांवरे की ये …………
This is the effect of my kindness
Wherever I look I see it coming
This is my son’s …………
Nazar Mathura Kashi has become mine
The image of Shyam has settled in Nazar
Kabhu Ghumu Gokul once in Vrindavan
Thousands of eyes in my mind today
my mind is oblivious to me
This is my son’s …………
Sometimes that butter churn with pots
Sometimes Raas composition in Kunj streets
Radhe Rani’s coming secretly
Tell me what’s funny
Beside Radhe Rani and Bansi are ahar
This is my son’s …………
I have found Krishna Murari
sight seeing
Shyam Surat smiling inside the mind
no one i need now
Hua Dhanya Sharma Jo Curry Yeh Mehar Hai
This is my son’s …………