मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी।
बाजे मुरली यमुना तीर सखी, वृन्दावन जाउंगी॥
श्याम सलोनी सूरत की दीवानी हो गई।
सखी, कैसे पाऊं धीर, वृन्दावन जाउंगी॥
नैन लगे घिरीधर से, मैं तो पागल हो गयी।
अब कैसे दिखाऊं दिल चीर, सखी वृन्दावन जाउंगी॥
छूट गया मेरा भोजन पानी, श्याम की याद में।
दुनिया से भई फ़कीर सखी, वृन्दावन जाउंगी॥
वृन्दावन जाउंगी सखी, बरसाना जाउंगी,
बरसाना जाउंगी सखी, गोवर्धन जाउंगी,
गोवर्धन जाउंगी सखी, राधा कुण्ड नहाउंगी,
राधा कुण्ड नहाउंगी सखी, योगन बन जाउंगी,
योगन बन जाउंगी सखी, गिरिधर गुण गाऊँगी,
मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी॥
My sore hearts will go to Vrindavan.
Baje Murli Yamuna Arrow Sakhi, I will go to Vrindavan.
Shyam Saloni became addicted to Surat.
Sakhi, how can I get patience, will I go to Vrindavan?
With Nain engaged Ghiridhar, I went crazy.
Now how can I show my heart, my friend will go to Vrindavan.
Missed my food and water, in memory of Shyam.
My dear friend from the world, I will go to Vrindavan.
Sakhi will go to Vrindavan, I will go to Barsana,
I will go to Barsana, Sakhi will go to Govardhan,
I will go to Govardhan Sakhi, I will take a bath in Radha Kund.
Radha Kund will not be a friend, I will become a yoga,
I will become a friend, I will sing Giridhar’s praises,
My swollen heart hurts, I will go to Vrindavan.