मोरे कान्हा तू जल्दी लौट आना,
गोपियन तेरी राह देखती
सुना मधुवन है सुना ब्रिज सारा,
गोपियन तेरी राह देखती
तुम गए जिस्म से रूह जैसे गई
बिन बने फूल कालिया भी मुस्का गई
मेघ नैनो से बरसे बहुत ही मगर
मन धरा की तपन को मिटा न सके
बन के वृष्टि आगन तन बुजाना,
गोपियन तेरी राह देखती
कब हुई भोर सांझ कब ढल गई
रजनी तारो की ओह्ड़े चुनर कब गई दर्श की आस में इक टक और पलक
राह तक तक सिंदूरी नैन अब हुए
बन के कजररा नैनो में समाना गोपियाँ तेरी राह देखती
श्याम तू यमूना का जल मौन है अब पवन,
चेहते नही है खग विचर ते न मेहर
कुञ्ज में नित जो करती थी अत्खेल्या
बेठी घूम सुम वो तेरी सखियाँ
झूमे नव थल तू एसी धुन बजाना
गोपियन तेरी राह देखती
More Kanha Tu Jaldi Lout Aana,
The gopis would wait for you
Suna Madhuvan Hai Suna Bridge Sara,
The gopis would wait for you
You went like a soul from the body
Without becoming a flower, Kalia also smiled
Clouds rained from nano very but
The mind could not erase the heat of the earth
Ban ke vrishti agan tan bujana,
The gopis would wait for you
When did the morning come and when did the evening fall?
Rajni Taro Ki Ohde Chunar Kab Gayi Darsh Ki Aas Mein Ik Tak Aur Palak
Rah tak tak sinduri nain ab hue
Becoming Kajra Nano, the same gopis would wait for you
Shyam Tu Yamuna Ka Jal Maun Hai Ab Pawan,
Chehte nahi hai khag vichar te na mehr
Atkhelya, who used to do what she did every day in the garden
Bethi ghum sum wo teri sakhiyan
Jhume nav thal tu AC tune bajana
The gopis would wait for you