नी मैनू संवारा सलोना पसंद आ गया ।
पसंद आ गया, मेरे मन को भा गया ॥
काली कमली बांकी चितवन,
वा पे वारूँ मैं तो तन मन,
सुनरी सखी वो मेरे मन को भा गया ।
नी मैनू संवारा सलोना पसंद आ गया ॥
मोर मुकुट और मुरली वारो,
तिरछी तिरछी चितवन वारो,
ब्रिज का वो ग्वाला, मेरा मन चुरा गया ।
नी मैनू संवारा सलोना पसंद आ गया ॥
जब कहना की मुरली बाजे,
पतझड़ भी सावन सा लागे,
मुरली की धुन पे सब को नचा गया ।
नी मैनू संवारा सलोना पसंद आ गया ॥
जब कहना मेरा होरी खेले,
ब्रिज गोपीन के गूंगट खोले,
अपनी अदाओं पे सब को फस गया ।
नी मैनू संवारा सलोना पसंद आ गया ॥
Ni I liked Sanwara Salona.
I liked it, I liked it.
Kali Kamali Banki Chitwan,
Wa pe warun main to tan man,
Sunari Sakhi Wo Mere Man Ko Bha Gaya.
Ni Mainu Sanwara Salona Pasand Aa Gaya ॥
Mor Mukut and Murli Waro,
Tirchi Tirchi Chitwan Waro,
That shepherd of the bridge, stole my heart.
Ni Mainu Sanwara Salona Pasand Aa Gaya ॥
Jab Kahna Ki Murli Baje,
Patjhar bhi sawan sa lage,
Everyone danced to the tune of Murli.
Ni Mainu Sanwara Salona Pasand Aa Gaya ॥
Jab Kahna Mera Hori Khele,
Bridge Gopin Ke Goongat Khole,
Everyone got caught up in his acts.
Ni Mainu Sanwara Salona Pasand Aa Gaya ॥