निकुंजों में झूलत हमारी भानु नंदनी,
सुन्दर कदम की डाली झूलो पड़ो है प्यारी,
मेगन बड़े है बूंद नंदनी,
निकुंजो में …….
यमुना की तीर मोहन बंसी बजाई,
कोयल भी कूके मन में आती सुख दाई,
नाचत है मोर वन में फुलवाड़ी खिली उपवन में ,
मोहनी है छवि दुत बंदनी,
निकुंजो में …..
निकुंजों में संग में झूले संग की सहेली,
अध्भुत शृंगार साजे श्री राधा नवेली,
पहरे सुंरंग सारी माथे पे बिंदियां प्यारी,
मुख चन्दर मरदू हास फांदनी,
निकुंजो में…
झुकान में मुस्कावे श्री राधा प्यारी,
होले होले झोटा देवे कुञ्ज बिहारी,
आनंद घन रस बरसे,
शुकल दास थारो तरसे किरपा करदो हे ब्रिज नंदनी,
निकुंजो में ….
Our Bhanu Nandani swinging in the Nikunj,
Swing the branch of beautiful steps, dear,
Megan is big drop Nandni,
In Nikunjo……
The arrow of Yamuna played by Mohan Bansi,
The cuckoo also comes to the heart of happiness, babysitter,
There is a dance in the peacock forest, in the flower garden,
Mohini hai image dut bandhani,
In Nikunjo…..
A friend of the swing in the company of Nikunjo,
Wonderful make-up, Shri Radha Naveli,
Beloved all the dots on the guard tunnel’s forehead,
Mukh Chander Mardu Haas Phandni,
In Nikunjo…
Shri Radha darling smiles in bowing,
Hole hole jhota deve kunj bihari,
Anand cube juice rained,
Shukla das tharo tarse kirpa kardo hey bridge nandani,
In Nikunjo ….