ओ मइयां जी किरपा करो मेरे अवगुण चित न धरो,
ओ मइया जी विनती सुनो मेरी विपदाये दूर करो,
हाथो में पतवार धरो बीच भवर से पार करो,
ओ मइयां जी किरपा करो …
इक तेरा ही आसार है तू करदे एक इशारा,
जो तू चाहे पलट जाये समय की बहती धारा,
उल्जी लड़ियाँ खोल दे बिखरी कड़ियाँ खोल दे,
मुझपे माँ उपकार करो मेरी अर्ज पे ध्यान धरो,
ओ मइया जी किरपा करो…….
शरण तेरी अर्ज मेरी हास की ज्योत जली है,
किरपा तेरी हुई जब भी तो हर मुश्किल टली है,
ये साथ न छुटे आये संकट शन में हरो,
अंधेरो को दूर करो,
ओ मैया जी विनती सुनो……
O Maiyan Ji Kirpa Karo Mere Avgun Chit Na Dharo,
O Maiya Ji Vinti Suno Meri Vipadaye Dur Karo,
Hatho mein patwar dharo bich bhawar se par karo,
O Maiyan Ji Kirpa Karo.
Ik tera hi asar hai tu karde ek ishara,
Jo tu chahe palat jaaye samay ki bahti dhara,
Ulji ladiyan khol de bikhri kadiyan khol de,
Mujhpe Maa Upkar Karo Meri Arj Pe Dhyan Dharo,
O Maiya Ji Kirpa Karo.
Sharan Teri Arj Meri Haas Ki Jyot Jali Hai,
Kirpa teri hui jab bhi to har mushkil tali hai,
Ye Saath Na Chute Aaye Sankat Shan Mein Haro,
Andhero ko door karo,
O Maiya Ji Vinti Suno.