गुमसुम गुमसुम क्यों बैठी हो राधा हमसे क्यों रूठी हो,
ओह राधा द्वार खोल दे कान्हा से हस बोल दे,
भीर की नथुनी सोहने की प्यालियाँ लेके मैं आया लाल चुनरियाँ,
चुनरी में झील मिल लाख सितारे जरा देख ले कितने है प्यारे,
राधा राधा कब से पुकारे कब से खड़े है द्वार तुम्हारे,
ओह राधा द्वार खोल दे कान्हा से हस बोल दे,
अपने इस दीवने को बाबा यु न तुम तरसाया करो,
आया तेरा प्रेम पुजारी प्रेम सुदा बरसाया करो,
जन्म जन्म की प्यास में आया तेरे मिल की आस मैं लाया,
ओह राधा द्वार खोल दे कान्हा से हस बोल दे,
Why are you sitting silently, why is Radha angry with us?
Oh Radha, open the door, laugh with Kanha,
I came to Bhir’s nostrils with sleeping cups, red chunaris,
Mill lakh stars in the lake in Chunari, just look how many are dear,
Since when does Radha call Radha, since when has your door been standing,
Oh Radha, open the door, laugh with Kanha,
Baba, don’t you yearn for this lover of yours,
Come your love priest, make love suda rain,
I came in the thirst of birth, I brought the hope of your mill,
Oh Radha, open the door, laugh with Kanha,