सांवरिया आ जइयो इन नैनं के बीच
जाग उठे मेरे जन्म जन्म की सोई हुए तकदीर…
हम तुमसे कुछ भी न कहते, गर यूँ ही गुजर हो जाता
दिल की दिल में रख लेते, तेरा एक इशारा हो जाता
हम भी तो परवानो की तरह, हंस हंस के शाम पे जल जाते
दीदार की प्यासी नजरों का , दीदार तुम्हारा हो जाता
—कृष्णाकर्षीणी गौरी
Saawariya aa jaiyo in nin bain
Wake up my sleeping fortune of birth…
We don’t tell you anything, but it would have passed by itself
If you keep your heart in your heart, you would have got a hint
We too would get burnt like swans in the evening of swans.
Of the thirsty eyes of Deedar, Deedar becomes yours
—Krishnakarshini Gauri