सुनो जी प्रभु विनती मोरी इक मोहे दर्शन न दीजियो जी
दर्श मिले से मिट जायेगी तोहे दर्श की प्यास,
सुनो जी प्रभु विनती मोरी इक मोहे दर्शन न दीजियो जी
धर्म कर्म की बाते कुछ भी समज न मेरी आवे
जन्म क्या है और मुक्ति क्या है कौन मुझे समजावे,
इतना जानू तेरे मिलन की प्यास बड़ी अरदास
मोहे दर्शन न दीजियो जी
मैं चातक तुम स्वाति प्रभु जी हर पल ध्यान तुम्हारा,
तेरी प्रतीक्षा तेरी लगन में गुजरा जीवन सारा,
रहकर दूर भी तुझको पाया हर पल अपने पास,
मोहे दर्शन न दीजियो जी
दर्श की आशा वो ही करे तुम जिनसे दूर घनेरे,
हरश में हर पल ठाकुर तुम तो मन में वसे हो मेरे,
जब जब अपने मन में झाँकू पाउ दर्श हर बार,
मोहे दर्शन न दीजियो जी
Listen Lord Prabhu Vinati Mori Ik Mohe Darshan Na Dijiyo ji
If you get the vision, then the thirst for the sight will be erased,
Listen Lord Prabhu Vinati Mori Ik Mohe Darshan Na Dijiyo ji
Don’t understand anything about religious deeds.
Who should understand me what is birth and what is liberation?
Know so much that the thirst for your union is big ardas
don’t give me darshan ji
I chatak you Swati Prabhu ji, every moment you meditate,
The whole life spent in your waiting, your passion,
Even after staying far away, I found you with me every moment,
don’t give me darshan ji
Hope for the vision only those from whom you are far away,
Thakur every moment in Harsh, you are in my mind,
Every time I peep into my mind, I see every time,
don’t give me darshan ji