तेरे बरसाने में जो सकूं मिलता है,
वो कहीं और मिलता नहीं लाडली,
तेरी करुणा का अमृत जो बरसे यहां,
वो कहीं न बरसता मेरी लाडली,
तेरे बरसाने में…..
यहां फूलों में खुशबू, तेरे नाम की,
चर्चा घर घर में है, श्यामा और श्याम की,
प्रेम भक्ति का जो रस छलकता यहां,
वो कहीं न छलकता, मेरी लाडली,
तेरे बरसाने में……
एक अजब सी ही मस्ती, हवाओं में है,
मीठी मीठी महक, इक फ़िज़ाओं में है,
मन का पंछी है, जैसे चहकता यहां,
वो कहीं न चहकता, मेरी लाडली,
तेरे बरसाने में….
कैसी अदभुत छटा, इन नज़ारों में है,
गूंजती बांसुरी, इन बहारों में है,
मन के उपवन में, जो फूल खिलते यहां,
वो कहीं और खिलता, नहीं लाडली,
तेरे बरसाने में…
श्यामा चरणों की रज में, वो तासीर है,
पल में बदल देती, तकदीर है,
मेरा मन आ के, जैसे बहलता यहां,
वो कहीं न बहलता, मेरी लाडली,
तेरे बरसाने में…..
Whatever I get in your rain,
She does not get anywhere else, dear,
The nectar of your compassion that rained here,
It doesn’t rain anywhere, my dear
In your rain…..
Here the fragrance in the flowers, of your name,
The discussion is in house to house, Shyama and Shyam’s,
The juice of love and devotion that spews here,
He does not spill anywhere, my dear,
In your rain……
A strange fun is in the air,
The sweet sweet smell is in one thing,
There is a bird of the mind, like a chirping here,
He doesn’t chirp anywhere, my darling,
In your rain….
What a wonderful shade, in these views,
The resonating flute is in these springs,
In the garden of the mind, the flowers that bloom here,
It blooms somewhere else, not dear,
In your rain…
In the kingdom of Shyama’s feet, that is the effect,
The changes the moment, is the fate,
Come to my mind, as it flows here,
He doesn’t flow anywhere, my darling,
In your rain…..