हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद 🌹🙏
दूर के ढोल सुहावने लगते हैं
पास जाओ तो कान फाड़ते है।
हम लोग जब नेताओं की जिन्दगी, अभिनेताओ की जिन्दगी
या कोई बहुत बड़े अमीर आदमीयों की जिन्दगी को देखते हैं तो सोचते हैं कि
ये लोग कितने सुखी है।हम दूसरों के सुखों को देखकर अपने घर में कलेश करते हैं। ये सोचते हैं कि
काश हम भी इनकी तरह होते
ये अमीर लोग जो अपने साथ अपने सुरक्षा गार्ड को लेकर चलते हैं।इन्हें इनके बच्चों को इनकी जान का खतरा होता है।ये हवा में खुलकर सांस नहीं ले सकते
ये गरीबों की तरह मौजमस्ती नहीं कर सकते ये हर समय अपने आपमें बंधन महसूस करते हैं ।
ये भी सोचते हैं कि काश हम लोग भी आम इंसान की तरह आजादी से घूमते
ये सब हमारे मन की कल्पनाएं हैं।
जो जहां है वो उसी में खुश रहो
उदाहरण
दो औरतें थीं दोनों पक्की सहेली थी
एक फूल बेचती थी एक मछली बेचती थी
मछली बेचने वाली मछलियों के बीच में रहती थी
उसे मछली की दुर्गंध नहीं आती थी
फूल बेचने वाली हर समय फूलों के बीच रहती थी
उसके मन में फूलों की खुशबू रम गई थी
एक दिन फूल बेचने वाली किसी काम से अपनी सहेली मछली बेचने वाली के यहां रात को गई
अचानक तेज बारिश के कारण वे रात वहीं रूक गई
लेकिन
वो मछली की दुर्गंध के कारण सारी रात सो नहीं पाई
लेकिन
मछली बेचने वाली
आराम से सो रही थी
जैसे ही सुबह चार बचे फूल बेचने वाली वहां से भागी
उसने सोचा मैं जहां हूं वहीं ठीक हूं
वो परमात्मा का शुक्रिया अदा करने लगी
इसलिए
जो जहां है उसे हमें प्रभु का प्रसाद समझ कर स्वीकार करना चाहिए
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए
अमीर अपनी जगह खुश हैं फकीर अपनी जगह खुश हैं
कच्चे मकान,झोपडी का एक अलग ही आनंद है।
चूल्हे की रोटी हाथ में रोटी,प्याज लहसुन की चटनी और लस्सी का गिलास
उसका अपना हीआनद है ।
डायनिंग टेबल पर बैठकर खाना वो अपना आनंद है।
हमें जगत में कमल की तरह रहना है।
संगत तो सराय है।इसमें विषेश क्या बनना
जैसी ईश्वर की मर्जी
सुख भी मुझे प्यारे हैं
दुःख भी मुझे प्यारे हैं
छोड़ूं मैं किसे भगवान दोनों ही तुम्हारे हैं।
One Response
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