माटी का पुतला

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जो मनुष्य सुख भोगता है वह जीतेजी माटी का पुतला हैं और जो मनुष्य भगवान को भजता वह फोलाद की तरह लचीला हैं उसे भगवान अपने सांचे में डाल कर घङते है। जो बैठा बैठा खाता है वह अन्य की भलाई नहीं कर सकता है। जो संकटों से लङा है।

वह सत्य और प्रेम के मार्ग पर कदम बढ़ाता है।संघर्ष शील व्यक्ति के चेहरे में विस्वास कर्तव्य परायणता है। जिसने समय को पढा हैं वहीं जीवन की सच्चाई के नजदीक खङा है। भगवान अनेक सन्तों के जीवन संघर्ष के माध्यम से हमें सन्देश देते हैं। कि चलना ही जीवन है। मैने तुझे संघर्ष करने के लिए पृथ्वी पर मनुष्य जीवन दिया है। जय श्री राम



The man who enjoys happiness is an effigy of the soil alive and the man who worships God, he is flexible like a folad, God casts it in his mould. One who eats sitting sitting cannot do good to others. The one who is facing troubles.

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