जय श्री राम जी हम मन्दिर में जाते हैं कथा कीर्तन करते भगवान का भोग लगाते मन्दिर की फेरी करते हरेक देवी देवता की पूजा और करते फिर भी मन पवित्र क्यो नहीं होता है क्योंकि हम प्रत्येक कार्य करते हुए अपनी इच्छाओं के बारे में सोचते हैं कि अमुक पुजा पाठ से मुझे ये लाभ प्राप्त होगा। हम बिना कोई विचार के मन्दिर में भगवान के दर्शन करे तब हमारे अन्दर स्तुति करते हुए भाव की जागृति हो सकती है। हम एक बार परमात्मा के सामने नतमस्तक होकर तो देखे परमात्मा हमें कैसे आनंद विभोर करते हैं जय श्री राम अनीता गर्ग
प्रभु संकीर्तन 9
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