गीता हृदय भगवान का,
सब ज्ञान का शुभ सार है।
इस शुद्ध गीता ज्ञान
से ही चल रहा संसार है।।
गीता परम विद्या सनातन,
सर्व शास्त्र प्रधान है।
पर ब्रह्म रूपी, मोक्षकारी
नित्य गीता ज्ञान है।।
यह मोह माया कष्ट मय,
तरना जिसे संसार हो।
वह बैठ गीता नाव में,
सुख से सहज ही पार हो।।
संसार के सब ज्ञान का,
यह ज्ञान मय भण्डार है।
श्रुति, उपनिषद्, वेदान्त
ग्रन्थों का परम शुभ सार है।
गाते जहां जन नित्य,
हरि गीता निरन्तर नेम से।
रहते वहीं सुख कन्द,
नटवर नन्द नन्दन प्रेम से।।
गाते जहां जन गीत गीता,
प्रेम से धर ध्यान है।
तीरथ वहीं भव के सभी,
शुद्ध और महान हैं।।
धरते हुए जो ध्यान
गीता ज्ञान का तन छोड़ते।
लेने उसे माधव मुरारी,
आप ही उठ दौड़ते।।
सुनते सुनाते नित्य जो,
लाते इसे व्यवहार में।
पाते परम पद, ठोकरें
खाते नहीं संसार में।।
राधे राधे
Geeta Heart of God, It is the auspicious essence of all knowledge. This pure Geeta knowledge The world is going on since then.
Geeta Param Vidya Sanatan, All scriptures are important. But in the form of Brahma, the one who gives salvation Gita is daily knowledge.
This love, love and pain, The one who swims in the world. He sat in Geeta boat, May you cross over to happiness easily.
Of all the knowledge in the world, This is a storehouse of knowledge. Shruti, Upanishad, Vedanta This is the most auspicious essence of the scriptures.
Where people sing daily, Hari Geeta with continuous name. Sukhkand resides there, Natwar Nand Nandan with love.
Where people sing Geeta, Meditation is done with love. All the places of pilgrimage remain there, Are pure and great.
while paying attention Leaving the body of Gita knowledge. Madhav Murari to take it, You yourself would get up and run.
Who always listens and narrates, Let’s put it into practice. attain supreme position, stumble Don’t eat in the world.
Radhe Radhe