प्रार्थना में वाकई बहुत शक्ति होती है. अगर आप इसके जरिए अपनी मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो जरूरी है कि प्रार्थना को सही तरीके से करें. जानें इस बारे में विस्तार से –
हम अपनी मेहनत और दिमाग से काबिल तो बन जाते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ मौकों पर हमारी काबिलियत भी हमारे काम नहीं आ पाती. ये ऐसे मौके होते हैं जब कुछ घटनाओँ पर हमारा ज़ोर नहीं चलता. इसी को हम अपनी जबान में बुरा दौर कहते हैं और इंसान की फितरत ही ऐसी है कि बुरे दौर में ही उसे ईश्वर की याद आती है.
तब वह उनकी शरण जाकर उनसे अपनी कामनापूर्ति की प्रार्थना करने लगता है.लेकिन एक बात आपने ज़रूर मानेंगे कि ईश्वर सभी की प्रार्थना भी नहीं सुनता. अगर आप चाहते हैं कि आपकी पुकार भगवान तक पहुंचे तो आपको प्रार्थना करने के सही तरीके के बारे में पता होना चाहिए.प्रार्थना का अर्थ
ईश्वर से अपने दिल की बात कहना ही प्रार्थना है. इससे व्यक्ति अपने या दूसरों की इच्छापूर्ति का प्रयास करता है. वैसे, तंत्र, मंत्र, ध्यान और जाप भी प्रार्थना का ही एक रूप है. प्रार्थना छोटे स्तर पर काम करती है और इसकी वजह से प्रकृति में आपके अनुरूप बदलाव आते हैं .
कोई प्रार्थना एक साथ कई लोग करें तो वह ज्यादा प्रभावशाली होती है. एक साथ प्रार्थना करने पर प्रकृति में तेजी से बदलाव होता है.
प्रार्थना अनसुनी क्यों हो जाती है
इंसान को कभी-कभी लगता है कि वह ईश्वर से प्रार्थना तो खूब कर रहा है लेकिन ये सुनी नहीं जा रही हैं. अगर आप इस स्थिति में हैं तो हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों कभी कभी प्रार्थनाएं नाकाम हो जाती हैं. पहले आप यह समझ लीजिए कि व्यवसाय और लेन-देन की तरह की प्रार्थना भी असफल होती है.
प्रार्थना के नाकाम होने की कुछ वजहें हैं, जैसे :
आहार और व्यवहार पर नियंत्रण न रखने से प्रार्थना नाकाम होती है।
माता-पिता का सम्मान न करने से प्रार्थना असफल होती है।
प्रार्थना से आपका ही नुकसान हो रहा हो तो भी प्रार्थना नाकाम हो जाती है।
अतार्किक प्रार्थना भी असफल हो जाती है।
प्रार्थना के नियमसही तरीके से की गई प्रार्थना जीवन में चमत्कारी बदलाव लाती है.प्रार्थना सरल और साफ तरीके से की जानी चाहिए और आसानी से बोली जाने वाली प्रार्थना करनी चाहिए.
शांत वातावरण में प्रार्थना करना सबसे बढ़िया होता है.
खासतौर पर मध्य रात्रि में प्रार्थना जल्दी स्वीकार हो जाती है.
प्रार्थना को रोज़ एक ही समय पर करना अच्छा होता है.
वहीं दूसरे के नुकसान के उद्देश्य से या फिर अतार्किक प्रार्थना मत करें.
दूसरे के लिए प्रार्थना करने से पहले उसके बारे में सोचें और फिर प्रार्थना शुरू करें.
अगर आपने ये नियम अपनाए तो यकीन मानिए कि आपकी प्रार्थना चाहे धन की हो या संतान या फिर नौकरी की, यह पूरी जरूर होगी.
प्रार्थना करने का तरीका
आपकी प्रार्थना आपके ईष्ट स्वीकार करें, इसके लिए कुछ नियमों के साथ प्रार्थना करनी चाहिए. जानें इन नियमों के बारे में :
सबसे पहले एक एकांत स्थान में बैठें
उसके बाद अपनी रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखें
फिर सबसे पहले अपने ईष्ट, गुरु या ईश्वर का ध्यान करें
उसके बाद जो प्रार्थना करनी है, उसे करें
अपनी प्रार्थना को गोपनीय ही रखें
जब भी मौका मिले, अपनी प्रार्थना दोहराते रहें
अगर आपने इन तरीकों से सच्चे मन से प्रार्थना की तो यकीनन आपकी मनोकामना पूरी होगी.
There is really a lot of power in prayer. If you want your wishes to be fulfilled through this, then it is necessary to pray in the right way. Learn about this in detail –
We become capable with our hard work and mind, but sometimes on some occasions even our ability does not help us. These are such occasions when we cannot control some incidents. This is what we call bad times in our language and human nature is such that only in bad times he remembers God.
Then he goes to his shelter and starts praying to him for the fulfillment of his wishes. But you must agree one thing that God does not even listen to everyone’s prayers. If you want your prayer to reach God, you must know the right way to pray. Meaning of prayer
Prayer is just telling your heart to God. With this the person tries to fulfill his or others wishes. By the way, tantra, mantra, meditation and chanting are also a form of prayer. Prayer works on a small scale and due to this changes take place in nature according to you.
If many people do a prayer together, it becomes more effective. There is a rapid change in nature when we pray together.
why prayer goes unheard
Sometimes a person feels that he is praying a lot to God but it is not being heard. If you are in this situation, then we tell you why sometimes prayers fail. First of all, understand that prayers like business and transactions also fail.
There are some reasons why prayer fails, such as:
Prayer fails if there is no control over diet and behaviour.
Prayer fails if parents are not respected.
Prayer fails even if you are being harmed by prayer.
Irrational prayer also fails.
Rules of prayer Prayer done in the right way brings miraculous changes in life. Prayer should be done in a simple and clear way and should be easily spoken prayer.
It is best to pray in a calm environment.
Prayers are accepted quickly, especially in the middle of the night.
It is good to do prayer at the same time every day.
At the same time, do not pray irrationally or for the purpose of harming others.
Before praying for another think about him and then start praying.
If you follow these rules, then believe that whether your prayer is for money or child or job, it will definitely be fulfilled.
how to pray
To accept your prayer, you should pray with some rules. Learn about these rules:
first sit in a secluded place
then keep your spine straight
Then first of all meditate on your Ishta, Guru or God.
then do whatever you want to pray
keep your prayer private
Keep repeating your prayer every chance you get
If you pray with a true heart in these ways, then surely your wish will be fulfilled.