एक बार गांधीजीको दक्षिणभारतके दौरेमें चर्खा दंगल देखनेमें बड़ी रात हो गयी। वहाँसे जब वे लौटे, तब इतने थक गये थे कि एक चारपाईपर लेटते ही उन्हें नींद लग गयी। दो बजे उनकी नींद खुली तोस्मरण आया कि सोनेके पूर्व प्रार्थना करना भूल गये। फिर तो वे सारी रात सोये नहीं। उनके मनपर बड़ा आघात पहुँचा। शरीर थर-थर काँपने लगा। सारा बदन पसीनेसे लथपथ हो गया। प्रातः काल लोगोंने जब पूछा,तब सारी बात बतलाते हुए उन्होंने कहा- ‘ जिसकी कृपासे मैं जीता हूँ, उस भगवान्को ही भूल गया,|इससे बढ़कर बड़ी गलती और क्या होगी l
-जा0 श0
Once Gandhiji, during his tour of South India, spent a long night watching the Charkha riot. When he returned from there, he was so tired that he fell asleep as soon as he lay down on a cot. When he woke up at two o’clock, he remembered that he had forgotten to pray before sleeping. Then he did not sleep the whole night. He was deeply hurt. The body started trembling. Whole body got soaked in sweat. When people asked in the morning, then telling the whole thing, he said- ‘I have forgotten the God by whose grace I live, what can be a bigger mistake than this.
-Ja0 Sh0