इंगलैंड नरेश जेम्स द्वितीयका पौत्र प्रिन्स चार्ल्स युद्धमें जार्ज प्रथमके सेनापतिसे पराजित हो गया था और प्राण बचानेके लिये भाग गया था। उसे पकड़ने या मारकर उसका मस्तक लानेवालेको बहुत बड़ा पुरस्कार देनेकी घोषणा हुई थी। उस समय शाही सेनाके एक कप्तानने एक हाईलेंडर बालकसे पूछा-‘तुमने इस मार्गसे प्रिन्स चार्ल्सको जाते देखा है ?’
उस बारह वर्ष के बालकने कहा – ‘ देखा तो हैं; किंतु बताऊँगा नहीं।’
कप्तानने तलवारकी म्यानसे बालकको पूरे जोरसेमारा और गरज उठा – ‘तुझे बतलाना पड़ेगा।’ बालक चीख उठा; किंतु बोला-‘मारकी चोटसे मैं चीखा अवश्य हूँ; किंतु स्मरण रखिये कि मेरा जन्म ‘मेक्फर्सन’ वंशमें हुआ है। विश्वासघात करके विपत्तिमें पड़े राजाके शत्रुको पकड़वा देनेका निन्दित काम मुझसे कदापि नहीं हो सकता।’
कप्तान बालककी तेजस्विता तथा निर्भयतासे इतना प्रसन्न हुआ कि उसने बालकको पुरस्कारस्वरूप एक चाँदीका क्रास दिया। इस क्रासको मेक्फर्सन वंशके लोग आज भी सम्मानपूर्वक सुरक्षित रखते हैं। सु0 सिं0
Prince Charles, the grandson of King James II of England, was defeated by George I’s general in battle and fled for his life. A huge reward was announced for anyone who could capture him or kill him and bring his head. At that time a captain of the royal army asked a Highlander boy – ‘Have you seen Prince Charles going this way?’
That twelve year old boy said – ‘ I have seen it; But I will not tell.
The captain hit the boy hard with the scabbard of his sword and thundered – ‘You will have to tell.’ The child screamed; But said – ‘I must have screamed due to the injury of the mark; But remember that I was born in the ‘McPherson’ clan. I can never do the reprehensible work of betraying the king’s enemy who is in trouble.’
The captain was so pleased with the boy’s brilliance and fearlessness that he rewarded the boy with a silver cross. The people of this Crasco McPherson dynasty still keep it respectfully safe. Su 0 Sin 0