तिलक महाराजके एक मित्रने बातचीतके प्रसङ्गमें उनसे कहा- ‘बलवंतराव स्वराज्य होनेपर आप कौन सा काम अपने हाथमें लेंगे-आप प्रधानमन्त्री बनेंगे या परराष्ट्रमन्त्री ?’
तिलकने तत्काल उत्तर दिया- ‘नहीं, भैया! जब स्वराज्य स्थापित हो जायगा तब मैं किसी स्वदेशी कॉलेजमेंगणित विषयके प्रोफेसरका काम करूँगा और सार्वजनिक आन्दोलनसे संन्यास ले लूँगा। राजनीतिसे मेरा जी ऊब गया है।‘डिफरेंशियल कैल्क्युलस’ पर एक आध पुस्तक लिखनेकी मेरी अब भी इच्छा है । देशकी स्थिति बड़ी बुरी है और आपमेंसे कोई कुछ नहीं करता, इसलिये मुझे इस ओर समय लगाना पड़ता है।’ –गो0 न0 बै0
A friend of Tilak Maharaj asked him in the context of a conversation – ‘When Balwantrao becomes Swarajya, which work will you take in your hands – will you become the Prime Minister or the Foreign Minister?’
Tilak immediately replied – ‘No, brother! When Swarajya is established, I will take up the work of Professor of Mathematics in some Swadeshi College and retire from the public movement. I am fed up with politics. I still have a desire to write half a book on ‘Differential Calculus’. The condition of the country is very bad and none of you does anything, so I have to spend time on this. -go no bae