हरे कृष्णा । हरे रामा ।।
संसार में आप जिस भी चीज से दिल लगाओगे वहीँ से आपको दुःख उठाना पड़ेगा।
क्योंकि ये संसार दुःख का घर है। इस बात को भगवान श्री कृष्ण ने भागवत गीता में भी कहा है। यह संसार दुःखालय है। यहाँ संसार सुख की आश लगाये बैठा है लेकिन यहाँ सुख है ही नही।
फिर आप कहोगे की संसार में किसी से प्रेम ही ना करें। बाबा बन जाएँ, संत बन जाएँ। नही, बिलकुल नही। इसका केवल एक ही उपाय है। संसार में रहो लेकिन संसार को अपने अंदर ना रहने दो। जैसे पानी में नाव है। लेकिन नाव में पानी आ गया तो क्या होगा? नाव डूब जाएगी। इसलिए संसार में रहते हुए सब सम्बन्ध अच्छे से निभाइए। लेकिन किसी से कोई भी आशा मत कीजिये।
संसार के प्रति आशा ही दुःख का कारण है। आशा आप लगते हों और आपकी इच्छा पूरी नही होती है तो आपको दुःख होता है।
इसलिए संतो ने कह दिया है- आशा एक राम जी सों, दूजी आशा छोड़ दे, नाता एक राम जी सों दूजा नाता तोड़ दे।
रामचरितमानस जी में श्री हनुमान जी महाराज कह रहे हैं- कह हनुमंत विपति प्रभु सोई | जब तक सुमिरन भजन न होई ||
हनुमान्जी ने कहा- हे प्रभु! विपत्ति तो वही (तभी) है जब आपका भजन-स्मरण न हो।
इस संसार में आकर मनुष्य दूसरे सभी कार्यों में फसकर जीवन गँवाता है, लेकिन अपने हृदय की हीरे-मोतियों से भरी हुई लाल गठरी खोलना भूल जाता है.
यही कारण है कि सबकुछ होते हुए भी मनुष्य कंगाल रह जाता है। कहने का मतलब यही है की हम संसार में फसे हैं। भगवान की माया नचा रही है। यदि उससे निकले तभी तो उस आनंद की ओर पहुंचेंगे।
Hare Krishna. Hare Rama.
Whatever you set your heart on in the world, you will have to suffer from there.
Because this world is a house of sorrow. Lord Shri Krishna has also said this thing in Bhagwat Gita. This world is a place of sorrow. The world is sitting here with the hope of happiness, but there is no happiness here.
Then you will say that do not love anyone in the world. Become Baba, become a saint. No, not at all. There is only one solution to this. Live in the world but don’t let the world live in you. Like a boat in water. But what if water comes in the boat? The boat will sink. That’s why while living in the world, maintain all relations well. But don’t expect anything from anyone.
Hope towards the world is the cause of sorrow. If you have hope and your wish is not fulfilled then you feel sad. That’s why the saints have said – Asha ek Ram ji, ki duji asha ki sakte, nata ek Ram ji se break kar diya hai.
Shri Hanuman ji Maharaj is saying in Ramcharitmanas ji – Say Hanumant Vipati Prabhu Soi | Until there is Sumiran Bhajan ||
Hanumanji said – O Lord! The calamity is the same (only then) when your hymns are not remembered.
After coming to this world, man gets entangled in all other activities and loses his life, but forgets to open the red bundle of his heart full of diamonds and pearls.
This is the reason why man remains poor despite having everything. It means to say that we are trapped in the world. God’s illusion is making you dance. If you come out of it then only you will reach towards that bliss.