एक विदेशी पर्यटक एक योगी से भेंट करता है,
वह देखकर चकित रह गया कि योगी का घर बस एक साधारण सा कमरा था, ना तो कोई फर्नीचर, ना ही कोई अन्य सुख-सुविधा की व्यवस्था, मात्र एक चटाई और एक मिट्टी का घड़ा, दीपक और कुछ बर्तन !!
पर्यटक योगी से पूछता है कि आपका फर्नीचर आदि सामान कहां है … ???
योगी पलट कर प्रश्न कर देता है – आपका कहां हैं ..???
विदेशी पर्यटक बोलता है, मेरा ?
लेकिन मैं तो यहाँ केवल आगंतुक हूँ, घूमने आया हूँ, सब देख कर मुझे लौट जाना है अपने देश !!
योगी धीरे से हंसता है और बोलता है – मुझे भी यंहा से लोट जाना हैं। फिर इकट्ठा क्यों करू।
विदेशी पर्यटक समझता नहीं है वह पुछता है कंहा
योगी समझाता है कि एक दिन हम यंहा से चले जाना हैं हमे यह याद रहे फिर किसलिए इकट्ठा करू। कोई कुछ लेकर नहीं जा सकता है
आज इतना ही.. आपके भीतर बैठे परमात्मा को मेरा प्रणाम..🙏🌹🙏