सौन्दर्यके अहंकारका फल

sculpture greek gods figures monument

सौन्दर्यके अहंकारका फल

शंखासुरका एक पुत्र था, जो ‘अघ’ नामसे विख्यात था। महाबली अघ युवावस्थामें अत्यन्त सुन्दर होनेके कारण साक्षात् दूसरे कामदेव सा जान पड़ता था। एक दिन मलयाचलपर जाते हुए अष्टावक्रमुनिको देखकर अघासुर जोर-जोर से हँसने लगा और बोला-‘यह कैसा कुरूप है!’ उस महादुष्टको शाप देते हुए मुनिने कहा ‘दुर्मते ! सर्प हो जा; क्योंकि भूमण्डलपर सर्पोंकी ही तू जाति कुरूप एवं कुटिल गतिसे चलनेवाली होती है।’ ज्यों ही उसने यह सुना, उस दैत्यका सारा अभिमान गल गया और वह दीनभावसे मुनिके चरणोंमें गिर पड़ा। उसे विनययुक्त देखकर मुनि प्रसन्न हो गये और पुन: उसे वर देते हुए बोले-करोड़ों कंदर्पोंसे भी अधिक लावण्यशाली भगवान् श्रीकृष्ण जब तुम्हारे उदरमें प्रवेश करेंगे, तब इस सर्परूपसे तुम्हें छुटकारा मिल जायगा ।
इसी शापके कारण अघासुरको अजगरका शरीर प्राप्त हुआ। ग्वाल-बालोंसहित भगवान् श्रीकृष्णने जब उसके गुफासदृश विशाल मुखमें प्रवेश किया तो उसने उन्हें निगल जाना चाहा, परंतु भगवान् श्रीकृष्णने उसके उदरमें ही अपनेको विशाल रूपवाला बना लिया, जिससे उसकी प्राणवायु रुक गयी। इस प्रकार उस असुरका उद्धार हो गया। अपने सौन्दर्यके प्रति अहंकार रखनेके कारण उसे कुत्सित सर्पयोनिमें जाना पड़ा।

fruit of beauty’s ego
Shankhasura had a son, who was famous by the name ‘Agh’. Mahabali Agha was very handsome in his youth and looked like another Cupid. One day, seeing Ashtavakramuni while going to Malayachala, Aghasur started laughing out loud and said – ‘How ugly he is!’ Cursing that great evil, the sage said, ‘ Durmate! be a snake; Because you caste of snakes on the earth is ugly and crooked.’ As soon as he heard this, all the pride of that demon melted and he fell down in humility at the feet of the sage. The sage was pleased to see him humble and again giving him a boon said – When Lord Krishna, who is more beautiful than crores of snakes, will enter your stomach, then you will get rid of this snake form.
Because of this curse, Aghasura got the body of a dragon. When Lord Krishna with cowherd hair entered his huge cave-like mouth, he wanted to swallow them, but Lord Krishna made himself huge in his stomach, due to which his life force stopped. In this way that demon was saved. Being proud of her beauty, she had to go to the ugly snake.

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *