भानु सप्तमी पर्व के बारे में प्रचलित पौराणिक कथा

भानु सप्तमी पर्व के बारे में प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार किसी समय में इंदुमती नाम की एक वेश्या हुआ करती थी। वेश्यावृत्ति में लिप्त होने के कारण उसने अपने जीवन में कोई भी धर्म कर्म आदि नहीं किए थे। एक दिन उसने वशिष्ठ ऋषि से पूछा- ऋषिश्रेष्ठ! मैने अपने अब तक के जीवन में कोई पुण्य कार्य नहीं किया है, परंतु मेरी ये अभिलाषा है कि मरणोपरांत मुझे मोक्ष की प्राप्ति हो ! यदि मुझ वैश्या को किसी युक्ति से मोक्ष मिल सकता है तो वो उपाय बताने की कृपा करें ऋषिवर ।

इंदुमती की ये विनती सुनकर ऋषि वशिष्ठ ने भानु सप्तमी का महात्म्य बताते हुए कहा- स्त्रियों को सुख, सौभाग्य, सौंदर्य एवं मोक्ष प्रदान करने वाला एक ही व्रत है, भानु सप्तमी या अचला सप्तमी । इस सप्तमी तिथि पर जो स्त्री व्रत रखती है और विधि-विधान से सूर्य देव की आराधना करती है, उसे उसकी इच्छानुसार पुण्यफल प्राप्त होता है।

शिष्ठ जी आगे बोले- यदि तुम इस जीवन के उपरांत मोक्ष पाना चाहती हो तो सच्चे मन से ये व्रत व पूजन अवश्य करना! इससे तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी। ऋषि वशिष्ठ से भानु सप्तमी का महात्म्य सुनकर इंदुमती ने इस व्रत का पालन किया, जिसके फलस्वरूप प्राण त्यागने के बाद उसे जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल गई, और स्वर्ग में इंदुमती को अप्सराओं की नायिका बनाया गया। इसी मान्यता के आधार पर आज भी जातक इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं।
जय श्री महाकाल जी



According to the popular legend about Bhanu Saptami festival, once upon a time there used to be a prostitute named Indumati. Due to being involved in prostitution, she had not done any religious work etc. in her life. One day he asked Vashishtha Rishi – Rishishrestha! I have not done any virtuous work in my life till now, but I wish to attain salvation after death. If my prostitute can get salvation through some trick, then please tell me that solution, Rishivar.

Hearing this request of Indumati, sage Vashisht explained the greatness of Bhanu Saptami and said- There is only one fast which gives happiness, good luck, beauty and salvation to women, Bhanu Saptami or Achala Saptami. The woman who fasts on this Saptami date and worships the Sun God according to the rules and regulations, she gets the virtuous fruit according to her wish.

Shishtha ji further said – If you want to get salvation after this life, then you must do this fast and worship with a true heart! This will fulfill your wish. Indumati observed this fast after hearing the greatness of Bhanu Saptami from sage Vashishtha, as a result of which she got freedom from the cycle of birth and death after sacrificing her life, and Indumati was made the heroine of Apsaras in heaven. On the basis of this belief, even today people observe this fast with full devotion. Hail Lord Mahakal

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *