हम अपने अवचेतन मन को विचार दे सकते हैं हम जिस कार्य में सफल होना चाहते हैं हम निश्चय करे मै सुबह शाम जब भी समय मिले मेरे मन में यह विचार बनाऊंगा मै यह कार्य कर सकता हूं मैं कार्य में अवश्य सफल हो जाऊँगा। उस विचार के प्रति एक भी विचार negative न बनने दे जब मन में बार बार मै अमुक विचार डालोगे तब आप एक ऊचांई को छु सकते है। हमारे धर्म में जब घर में परिस्थितियां चेंज होती थी तब माताएँ माला जाप करती थी आंखों से आंसू छलकते रहते माला जप चलता रहता था फिर कुछ समय के पश्चात् कहती अब तो यह कार्य हो ही जाएगा तब उनके अवचेतन मन कहता था वह अवचेतन मन घर की परिस्थिति में परिवर्तन लेकर आता था एक व्यक्ति के अवचेतन मन ने दुसरे व्यक्ति की कार्य शली में परिवर्तन किया हम अपने अन्तर्मन मे यदि कोई विचार बनाते हैं तब वह अवचेतन मन आपके अन्दर उस विचार से रिलेटीड सब विचार प्रकट कर देता है मैंने अन्तर्मन पर बहुत कुछ लिखा है आप फिर अन्य किसी का सहारा नहीं लेते हैं आप दस बार बीस बार अवचेतन मन अन्तर्मन बोलते है तभी आपके अन्दर एक अद्भुत विचार शक्ति बनने लगती है। यह सब विचार मैंने अपने जीवन में उतार कर ही लिखे है अन्तर्मन अवचेतन मन अनीता गर्ग
We can give thoughts to our subconscious mind about the work in which we want to be successful. We should decide that whenever I get time in the morning and evening, I will make this thought in my mind, I can do this work, I will definitely be successful in the work. Do not let even a single thought become negative towards that thought. When you repeatedly put a particular thought in your mind, then you can touch a new height. In our religion, whenever circumstances changed at home, mothers used to chant the rosary with tears in their eyes. They continued chanting the rosary and then after some time, they would say that now this work will be done. Then their subconscious mind used to say that the subconscious mind of the house would It used to bring change in the situation. The subconscious mind of one person changed the working style of another person. If we create any thought in our mind, then that subconscious mind reveals all the thoughts related to that thought in you. I have written a lot on the mind. It is written that you do not take help from anyone else, you speak ten to twenty times to your subconscious mind, only then a wonderful power of thought starts forming within you. I have written all these thoughts in my life, inner mind, subconscious mind, Anita Garg.