हमारे मन से धीरे धीरे संसार छुटने लगता है । हमे परमात्मा के नाम का जब भी समय मिले चिन्तन करते रहना चाहिए।हम चाहें भगवान् शिव का नाम ले राम कहे, कृष्ण कहकर पुकार लगाए। भगवान् के नाम की पुकार उठते-बैठते, खाते हुए, जल पिते हुए, चलते हुए, कार्य करते हुए, सुख में, दुख में प्रभु प्यारे का नाम लेते रहें। दुख आने पर घबराये नहीं दिल में सोचे प्रभु मुझ पर कृपा कर रहे हैं। इसीलिए ये परिस्थिति दे रहे हैं। मै भी रात दिन सांस सांस से मेरे भगवान् को पुकारूगा। परमात्मा के नाम की पुकार हमारे विकारों की जङ को जङ से खत्म कर देती है। मनुष्य जीवन में भजन, सिमरन, कीर्तन, नाम जप, भगवान् की प्रार्थना, वन्दना के द्वारा जन्म जन्मानतर से बंधी हुई गांठे खुलने लगती है।भगवान् को जब बार बार ध्याते हैं। तब भगवान भक्त पर कृपा करके भक्ति मार्ग देते हैं। भक्त के भाग्य का उदय हो जाता है। भक्त भगवान् की शिश झुकाकर वन्दना करता है।
भगवान नाम विकारों की जङ को जङ से खत्म कर देता है 1
- Tags: कृष्ण शिश, गांठें, घबराये राम, जन्म जन्मानतर, दुख, भक्ति, मार्ग, वन्दना, सांस
Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email