एक भक्त भगवान से अन्तर्मन से प्रार्थना करते हुए कहता है कि हे परमात्मा मेरे सब कुछ आप ही है आप जानते हैं मै मोन क्यों हूँ दिल में उठती प्रार्थना को तुम जानते हो। मै तुम्हारा चिन्तन क्यों कर रही हूं। हर सांस तुम्हारी पुकार लगा रही है नाथ कुछ मोती तुम को अर्पण करती हूं।
एक भक्त भगवान के चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम करते हुए कहता है हे नाथ मेरी विनती को तुम पुरण नही करोगे तब अन्य कोन मेरा है। तुम ही मेरे सर्वेश्वर हो मै तुम्हारे चरणों मे नतमस्तक हूं।
हे नाथ राष्ट्र पर कृपा की नज़र रखना । हे नाथ मेरी भक्ति भी नहीं है साधना भी नहीं है फिर भी तुम्हारे दर पर शिश नवाने आयी हूँ।
हम हिन्दू है तब इस समय देश की सुरक्षा की प्रार्थना करना हर हिन्दू का धर्म है। यह धर्म युद्ध है। असत्य पर सत्य की विजय है। परमात्मा राम सर्वशक्तिमान सर्व रक्षक हैं। युद्घ परमात्मा को ही करना है। तब प्रार्थना भी हमे अपने अपने इष्ट देव से करनी है।
कोई भक्त हनुमानजी के चरणों मे नतमस्तक होकर हनुमान जी को अपनी गदा उठाने के लिए प्रार्थना करता है उनको उनकी शक्ति की याद दिलाता है। हनुमान जी की प्रार्थना कर रहा है कोई अन्य भक्त भगवान कृष्ण के चरणों में साष्टांग वन्दन करते हुए मोन है भक्त कहता है,
हे चक्रधारी कृष्ण, तु क्या नहीं जानता तु मेरे ह्दय की विनती को जानता है विनती को पुरण भी तुम ही करते हो । जब जब देश पर संकट मंडराता है माताओं बहनो ने संतो ने भक्तो ने परमात्मा से प्रार्थना की है।हे परमात्मा मेरी थोड़ी सी भक्ति है। यह तुम्हे समर्पित करती हूँ। मैने सच्चे रुप से तुम्हारा चिन्तन किया हो तो देश की रक्षा की प्रार्थना करती हू देश की बागडोर तुम्हारे हाथो में है। तुम ईश्वर हो।
जय श्री राम अनीता गर्ग