लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि बाबा,आप को जब देखें ठाकुर जी की लीलाओं मे मगन रहते हो।थोड़ा सा हमें भी रस्ता दिखाईये,,,तो चलों आज आपको ठाकुर जी को पाने का सबसे सरल उपाय बताते है।
सबसे पहले तो मान लो कि आपकी मृत्यु हो चुकी हैं और अब देखों कि आपके मरने के बाद भी यह संसार ऐसे ही चल रहा है जैसे पहले चल रहा था। हो सकता है कि आपके मरने के बाद आपके निज जन का जीवन पहले से भी बढिया हो जाय,क्योंकि उन पर लगाई आपके द्वारा सभी पाबंदियां हट चुकी हैं और वो लोग अपना जीवन अपने हिसाब से इंज्वॉय कर रहे हैं।किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा।अब जब संसार को आपके होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड रहा और एक आप हैं कि इस संसार को पाने के लिए मरे जा रहें है।
अब आते है काम कि बात पर।अब जब आप मर चुके है तो आपका इस संसार की किसी भी वस्तु या व्यक्ति से कोई परियोजन नहीं रहा।अब आओ “कृष्ण” की ओर सदा-सदा के लिए।
अब आपको पूरा दिन केवल कृष्ण के नजदीक रहना है।अब आपके पास संसार का कोई काम नहीं है।अब आपको अपना पूरा दिन संतों की कथा सुनने में विशेष कर कलिकाल के भगतों की कथा सुनने में बिताना हैं।
अच्छा एक बात बताओं क्या आपके पास मीरा बाई जितना वैभव हैं।वो मीराबाई जो एक राजा की पुत्री हैं।एक राजा की पुत्रवधू हैं।जिसे छुने के लिए सूरज की किरणों को भी अनुमति लेनी पड़ती हैं।
संत वाणी हैं :- यह तो सभी कहते है कि मेरो तो गिरधर गोपाल।
परन्तु यह कहने वाली केवल मीरा ही हुई :- दुसरो ना कोई।
जिस दिन यह बात भीतर बैठ गई कि दुसरो ना कोई।उस दिन से आपकी यात्रा आरंभ हो जाएगी।
अब आपको केवल कृष्ण की बात करनी है।देखना एक दिन ऐसा आएगा कि कृष्ण की बात करते-करते कृष्ण से बात होने लग जाएगी।बस इसके बाद आपको कुछ नहीं करना है।अब तो जो कुछ करेगा मेरा ठाकुर ही करेगा।
हरे कृष्णा मेरे कृष्णा 🙏