आज सभी बहुत पढते है एक से एक भाव दिल को छुने वाले होते हैं देखना हमे है कि हम पकङते कितना है हम एक line भी अन्दर बिठा लेते हैं पकङ लेते हैं। तब एक वर्ष के बाद हम समझ सकते हैं कि पकङ कर ही हमारा पथ हैं। भगवान की लीला भावो से भरी हुई है एक भाव को अपने दिल में बिठा कर तो देखो। भगवान की लीला भाव आपके दिल को रोशन कर देगा। भक्त भगवान के भाव मे खो जाता है। रात दिन भगवान के भाव मे रहते हुए ऐसा लगने लगता है मेरे चारों ओर भगवान विराजमान हैं। भक्त भाव में भरा हुआ भगवान से पुकार और प्रार्थना मार्ग पर आ जाता है मेरे स्वामी भगवान् नाथ कब मिलन होगा ।
पढ कर छोड़ देते हैं और पढ़ना चाहते हैं इस से हमारा अध्यात्म नहीं बनता है पहले हम कम पढते थे। पढ कर शिक्षा ग्रहण करते थे। आज सब नया नया पढ़ने में चल रहे हैं। आप पढकर जो विचार भाव को अपने अन्दर बसाओगे वह आपको बना देते हैं जय श्री राम अनीता गर्ग