भगवान का तत्व समझे

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जल एक ही है, वही ऊपर बादल के रूप में, वही जल बूँद के रूप में, वही जल बर्फ में दिखलायी देता है | वही भाप बन जाता है | वास्तव में एक ही जल अनेक रूपों में दिखलायी देता है | इस प्रकार एक परमात्मा ही अनेक रूपों में दिखलायी देता है | सबमे एक परमात्मा को देखना चाहिये | सब कुछ एक परमात्मा की लीला है | जैसे नाटक देखने से सब लोग प्रसन्न होते हैं | यह तो मनुष्यकृत है और संसार रूपी नाटक को रचने वाले भगवान् हैं, सबमे प्रविष्ट हैं | जैसे बिजली सब जगह है वैसे ही परमात्मा सब जगह व्यापक हैं | यदि कहो कि परमात्मा हैं तो दिखलाओ | परमात्मा का जो सगुण-साकार रूप है वह हमें दिखलायी दे सकता है और भगवान् प्रेम से प्रकट हो जाते हैं | वह स्वरूप देखने लायक है और जो निराकार है वह देखने की चीज नहीं है | निराकार का भान हो सकता है, प्रेम से निराकार को भी जान सकते हैं | तत्व से समझ में आ सकता है, देखने में नहीं आ सकता |
एक आदमी बम्बई गया, वहाँ रेलगाड़ी चलती देखी, उसको आश्चर्य हुआ कि यह कैसे चलती है, मालूम हुआ बिजली से | वहाँ बिजली देखने को गया, बिजली के पंखे आदि देखा, कहीं प्रकाश देखा, कहीं वायु की आवश्यकता हुई, पंखा चलने से हवा हुई | प्रकाश की आवश्यकता हुई, बटन दबा दिया, रेडियो की आवाज आयी तो सुनायी दिया | उसने अनुभव किया कि यह भी बिजली से पैदा हुआ | इस प्रकार सब चीजों को बिजली से पैदा हुआ देखा, देखने से समझ गया कि सब चीज बिजली से चल रही है | फिर बिजली देखने के लिये पावर हाउस गया | वहाँ बिजली देखने की इच्छा प्रकट की | बिजली का जनरेटर दिखला दिया, कहा बिजली दिखलाओ | इस तार में बिजली है, हाथ लगाया करन्ट मारा, फेंक दिया | कहा बिजली देखने की चीज नहीं, जान सकते हो | इसी प्रकार एक परमात्मा से ही सब काम होते हैं | चन्द्रमा, सूर्य सब एक परमात्मा से ही प्रकाशित हैं |

सगुण-साकार रूप, भगवान् प्रेम से प्रकट



The water is one, the same cloud above, the same water in the form of a drop, the same water is visible in the snow. That becomes steam. In fact, the same water appears in many forms. In this way only one God appears in many forms. One should see God in all. Everything is the Leela of the One God. Like everyone is happy by watching the drama. It is man-made and the Lord who creates the drama of the world, is entered in all. Just as electricity is everywhere, in the same way God is everywhere. If you say that there is a God, then show it. The sagun-manifest form of the Supreme Soul can be seen by us and the Lord manifests through love. That form is worth seeing and that which is formless is not something to be seen. One can have the knowledge of the formless, one can also know the formless with love. can be understood from the element, cannot be seen. A man went to Bombay, saw the train running there, he was surprised how it runs, he came to know about electricity. Went there to see electricity, saw electric fans etc., saw light somewhere, air was needed somewhere, wind came due to running fan. Light was needed, the button was pressed, when the sound of the radio came, it was heard. He realized that this too was born of electricity. In this way, seeing all things being born of electricity, it was understood that everything is running on electricity. Then went to the power house to see the electricity. expressed a desire to see lightning there. Showed the generator of electricity, where to show the electricity. There is electricity in this wire, applied the hand, struck the current, threw it. Where electricity is not a thing to see, you can know. Similarly, all works are done by the one God. The moon, the sun are all illuminated by the one God.

Saguna – embodied form, God manifested by love

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