जा री सखी कह दे गिरधर से….तेरे इन्तज़ार में बैठी हूँ, आयेगा मोहन लेने मुझे……मैं तेरी जोगन हुए बैठी हूँ….
जा री सखी कह दे गिरधर से, नैनो में काजल असुवन का, बहता जाये याद में तेरी दर्शन की आस लिए बैठीं हूँ,
हृदय में श्याम धड़कन में श्याम….इन सांसो की सरगम में श्याम…..हरि सुमिरन किये बैठीं हूँ…..
जा री सखी कह दे गिरधर से…….प्रेम भी तू है प्रितम भी तू ही….प्रित की हर इक रीत भी तू ही….प्रेम श्रृंगार किये बैठी हूँ….
आयेगे मोहन लेने मुझे…..मैं तेरी जोगन हुए बैठीं हूँ….
जा री सखी कह दे गिरधर से….तेरे इन्तज़ार में बैठी हूँ….
आयेगा मोहन लेने मोहन….मैं तेरी जोगन हुए बैठी हूँ…..मैं तेरी मीरा हुए बैठी हूँ, जा री सखी कह दे गिरधर से, तेरे इन्तज़ार में बैठी हूँ,
जा री सखी कह दे गिरधर से
Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email