भगवान को याद करते हुए यह सोच सकते हैं। कि आज मेरे स्वामी भगवान् नाथ देखो मुस्करा रहे हैं। भगवान मुझे ही देख कर मुस्कराते हैं। आज मेरे भाग्य का उदय हुआ है। तभी तो मेरा सांवरा वृन्दावन में बैठा हुआ मुझे देखता है। आज मैं भगवान की बहुत ही सुंदर स्तुति गाकर मेरे सांवरिया भगवान श्री हरि को रिझाऊगा मेरे स्वामी अवस्य ही स्तुति सुनेंगे। मै उदास होता हूं।
तब मेरे भगवान को कितनी तकलीफ होती होगी। मेरा भगवान् आज मुझ पर प्रेम की बौछार कर रहे हैं। मै इस पल को भगवान की याद में बिताऊगा भगवान ने देखो कितना अच्छा जीवन दिया है तभी तो मुझे मेरे स्वामी भगवान् नाथ के अनेक भाव हृदय में प्रकट हो रहे हैं।
यह सब परम पिता परमात्मा की कृपा है।
आज कोई भी हाथ से कार्य करना नहीं चाहता है। कर्म में जो सुख आनंद प्रेम है वह कहीं भी नहीं मिलता है। आप करोङो रूपये खर्च कर के भी कर्म के सुख को प्राप्त नहीं कर सकते हैं। कर्म मे भक्ति भाव और प्रभु मिलन छुपा हुआ है।
मुझे भगवान के सब भाव कर्म करते करते महसुस हुए हैं। माला के बन्धन में भगवान बन्धना नहीं चाहते हैं। भगवान भक्त के निश्चल प्रेम पर रीझ जाते हैं। जिस प्रेम में मै नही है बस प्रभु तुम ही तुम हो ।
भक्त बार बार अन्दर झांक कर देखता है। कि भगवान की स्तुति तु करती है या अन्तर्मन में अपने आप स्वामी भगवान् नाथ प्रकट कर रहे हैं।जब मैं देखती हूं कि सबकुछ स्वामी भगवान् नाथ कर रहे हैं। तब दिल तृप्त हो जाता है। एक अद्भूत आनंद का प्राकट्य होता सब कुछ प्रभु रूप बन जाता है। जय श्री राम भक्त भगवान की लीला में सब कुछ प्रभु प्राण नाथ है
परमात्मा से हम शक्ति नहीं शान्ति प्रेम और श्रद्धा की प्रार्थना करें। परमात्मा हमे धन से मान से भगवान का नाम लिया काम हो जाता है इस प्रकार मान देकर रिझाना चाहते हैं। हमे भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि हे प्रभु प्राण नाथ ये धन वैभव मान और सम्मान कुछ दिन के खेल है। यंहा आना और जाना हैं।
मेरे स्वामी भगवान नाथ ये सब रास्ते के रोङे है। मेरे प्रभु मेरे स्वामी भगवान् नाथ मुझ अभागी को क्या तुम समझ नहीं पाए हो। हे भगवान् तुमसे मिलन भी होगा या मै इन पत्थरों में ही उलझी रहुगी। हे प्रभु वो कोन सी घङी होगी जब तुम मेरे सामने होंगे ।
मेरे भगवान हर क्षण ये दासी तुम्हें पुकारती है। तुम मेरे दिल की कब जानोगे। मेरे भगवान दिल है कि तुम्हे ढुढता हैं कोई मेरे प्रभु प्राण प्यारे का पता बता दो। दिल की धड़कन तुम्हें पुकारती है।जय श्री राम अनीता गर्ग