भगवान को भजना 1

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परमात्मा को रात दिन सुबह शाम चलते हुए बैठे हुए खाते हुए, जल पीते हुए, सोऐ हुए, बाजारों में घुमते हुए भगवान को भजते रहो।भगवान का नाम सिमरण करते रहे कभी विनती और स्तुति करे तो कभी मन ही मन भगवान को प्रणाम करे समय मिले तो जहाँ कहीं शिश झुका कर प्रणाम करती दिल में एक ही भाव रहता भगवान सब जगह है मै जिस तरफ जैसे भी कुछ भी कार्य करते हुए भगवान को वन्दन करती हूँ तब मेरे स्वामी मेरे प्राण आधार मेरी वन्दना को स्वीकार कर रहे हैं वे खङे है मै भाव विभोर हो जाती आगे के भाव शब्दों से परे है। एक दिन वह परमात्मा आपको ज्ञान के सागर से परिपूर्ण कर देंगे। परमात्मा के सिमरण में वन्दन में समय ही गहराई है । एक भगवान के प्रति आस्था और विश्वास को जाग्रत करना होता है। कदम कदम पर संसार की तरफ इच्छाए घेरा डालती है तब भक्त मन ही मन भगवान को भजते हुए चलता जाता है।

प्रभु प्राण नाथ से मिलन के लिए एक पल के लिए भी थमे नहीं एक पल के लिए भी रूके नहीं, ठहर ठहर कर उंमग जगती रहे।
कैसे मेरे स्वामी भगवान् के साथ मिलन हो। कभी राम कहें, कभी कृष्ण, राधे कृष्ण, श्री हरि, प्रभु प्राण नाथ प्यारे, परम पिता परमात्मा, मेरे स्वामी, मेरे भगवान, मेरे सांवरे कह कह कर पुकारूं हे राजा राम हे सर्वव्यापी  आज ये दिल बस तुम्हार बन जाना चाहता है ।

एक सच्चे भक्त की पुकार कहती हैं कि हे प्रभु तु मुझे ऐसे ही दर्शन मत दे देना। मै कुटील हूं मेरी बुद्धि भी शुद्ध नहीं है। पहले मेरी करोड़ों बार परिक्षा लेना तभी तुम मुझे दर्शन देना।

भक्ति का मार्ग तलवार की धार पर चलने के समान है। अ प्राणी कितनी ही कठिन घङीयां हो पीछे मुङकर मत देखना । दिल को पका और मजबूत करके कदम आगे बढाते चलना। प्रभु जब आनंद की वर्षा करे अधीन आन्नद के मत होना। प्रभु प्राण नाथ की प्रार्थना करते रहना जय श्री राम
अनीता गर्ग



While walking night and morning, sitting in the evening, while eating, drinking water, sleeping, roaming in the markets, keep on worshiping God. Sometimes praying and praising the name of God, then sometimes in the mind should bow down to God. If I meet, wherever I bow my head bowing my heart, there is only one feeling in my heart, God is everywhere I get emotional. The feeling ahead is beyond words. One day that God will fill you with the ocean of knowledge. Time is the only depth in worshiping God. One has to awaken faith and belief in God. At every step of the way, desires surround the world, then the devotee goes on worshiping God in his mind.

To meet Prabhu Pran Nath did not stop even for a moment, did not stop even for a moment, stayed and kept on awakening. How to have union with my lord God. Sometimes say Ram, sometimes Krishna, Radhe Krishna, Shri Hari, Prabhu Pran Nath beloved, Supreme Father, Supreme Soul, my lord, my God, my samvare, I should call by saying, O King Rama, O omnipresent, today this heart just wants to become yours.

The call of a true devotee says that Lord, do not give me such a vision. I am crooked, my intellect is also not pure. First take my test millions of times, then only you give me darshan.

The path of devotion is like walking on the edge of a sword. No matter how difficult the clocks are, don’t look back. Cook and strengthen the heart and move forward. When the Lord showers the rain of joy, do not be subject to bliss. Keep praying Prabhu Pran Nath Jai Shri Ram Anita Garg

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