हे परमात्मा राम मै आपकी वन्दना करती हूं एक भक्त परमात्मा राम के भाव मे कैसे वन्दना करता है हे परमात्मा राम मै आपको शीश नवाकर वन्दना करती हूँ।
हे परब्रह्म परमेश्वर राम आपको कोटि कोटि नमन है। हे नाथ आदि मध्य और अन्त आप ही है। हे प्रभु परमेश्वर आप ही साकार रूप में है निराकार भी आप ही है हे परम पिता परमात्मा राम आप सर्वगुणसंपन्न सर्वेक्षण सर्वशक्तिमान है आप को मेरा प्रणाम है हे परमात्मा राम आप सत्य है आपका सत्य प्राणीयों के ह्दय में हो।
हे परमात्मा आपके तेज और आत्मविश्वास को मेरा प्रणाम है आपके तेज को आप ही सम्भालते है। हे परमात्मा पृथ्वी आकाश और सुर्य तुमनें बनाये है हे परब्रह्म परमेश्वर स्वामी भगवान नाथ इस जगत के रचनाकार आप ही है आप अनेक रूप धारण करते हुए भी एक है आप ही जगदम्बे माता शक्ति का स्वरूप है। हे परमात्मा राम आप सबकी आत्मा है आपने विशाल और सुक्ष्म रूप धारण किया हुआ है आप की लीलाओं से कोई पार नहीं पाता है। हे परमात्मा आप की भक्ति को आपके ज्ञान को मै प्रणाम करती हूँ ।हे परमात्मा आप की कृपा दृष्टि जिधर होती है तभी भक्ति सम्भव है हे नाथ सबपर कृपा दृष्टि बनाये रखना। हे परमात्मा आप की पुजा को ये दासी प्रणाम करती है। हम सब हाथ जोड़कर आप की पुजा करते रहे। आप दीनबंधु करूणानिधान है। आपके आत्मविश्वास जप तप नियम को मै प्रणाम करती हूँ। हे नाथ हम सब आप के नाम जप करते हुए आपके चरणो में समर्पित हो जाये।हे परमात्मा राम हम सब आप की प्रार्थना करते हुए आपके सन्मार्ग पर चले। हम सब ध्यान साधना करते हुए धर्म और नीति पर चले। हे परमात्मा आपका विवेक हमारे भीतर जागृत रहे। आप प्रेम की पराकाष्ठा है प्रभु प्रेम ह्दय मे बना रहे। प्रभु प्राण नाथ के प्रेम को प्रणाम है। जय श्री राम अनीता गर्ग