बंधुओं यह बात लगभग 45- साल पुरानी है। जब मैं अपने घर के बाहर एक चबूतरे पर बैठकर राम चरित्र मानस जी का पाठ कर रहा था तभी एक महिला जिसको हम रुकमणी बुआ जी कहते थे उन्होंने मुझे कहा कि तुम रोज रामायण पढ़ते हो इसके बारे में कुछ समझते भी हो, मैंने कहा नहीं मैं तो केवल पढ़ता हूं। तब उन्होंने मुझे जो कहा वह मैं आप सबके सामने प्रस्तुत करता हूं ,वह बहुत कम पढ़ी लिखी थी मुश्किल से पांचवीं तक पढ़ी हुई होगी उन्होंने कहा इसमें श्लोक है चौपाई है दोहा है छंद है और सोरठा है इसका अर्थ यह है श्लोक मने इस लोक में:- रामायण जी चौपाई अर्थात कामधेनु गाय है दोहा जिसका दोहन मनन चिंतन करना चाहिए अर्थात जिस तरह दूध को उबालकर गाढा बनाया जाता है, इसी प्रकार बार-बार समझ कर पढ़ना ही दोहा का अर्थ है ,या दोहन है,इसके बाद छंद छंद का अर्थ है कि जो आप ने समझा उस को छान लेना है । अब छांनने के बाद जो बचा वही सोरठा है। अर्थात उसे रटो सोरटा ,उन्होंने कहा कि जो बचता है वह राम नाम है और राम नाम ही रटते रहना मानस जी को समझना है: यथा; राम नाम कली अभी मत दाता। हित परलोक लोक पितु माता।। राम नामबिनुगिरा न सोहा।राम सकल नामन्ह ते अधिका। राम नाम नरक केसरी कनक कशीपुकलिकल। रामहि सुमरिअ गाइए रामही। राम राम कही जे जमुहाई। राम नमामि नमामि नमामि।। नहीं कलि करम नधरम विवेकु।राम नाम अवलंबन एकु।। और अंत में देखिए: पाई न केहि गति पतित पावन राम भजी सुनु शठ मना।
पायो परम विश्राम राम सामान प्रभु नाहीं कहुं।। इस प्रकार राम नाम ही परम सत्य है रामाख्यमीशम हरिम।। जय श्री सीताराम।। सीताराम सीताराम सीताराम कहिए, जाहि विधि राखे राम प्रमुदित रहिए।। जय श्री सीताराम। बंधुओं यह एक सामान्य महिला का उद्बोधन है।
Brothers, this thing is about 45-years old. When I was reciting Ram Charitra Manas ji sitting on a platform outside my house, then a woman whom we used to call Rukmani Bua ji told me that you read Ramayana everyday and understand something about it, I said no. So I only read. Then what he told me, I present to you all, he was very little educated, he must have been read till the fifth standard, he said that there is a verse in it, there is a couplet, there is a couplet, there is a verse and there is a verse, this means that the verse is in this world. – Ramayana ji is a chaupai i.e. Kamdhenu cow, whose harness should be contemplated and contemplated, that is, the way milk is made thick by boiling it, in the same way, the meaning of Doha is to read again and again after understanding, or tapping, after this the verses of verses It means that what you understood has to be filtered. Now what is left after filtering is the sourdough. That is, to recite it, he said that what remains is the name of Ram and to keep on chanting the name of Ram is to understand Manas ji: as; Ram Naam Kali is a voter now. Hit parlok lok pitu mata. Ram nambinugira na soha. Ram sakal namah te adhika. Ram Naam Narak Kesari Kanaka Kashipukalikal. Sing Ramhi Sumaria Ramhi. Ram Ram Kahi J Jamuhai. Ram Namami Namami Namami. No. Kali Karam Nadharam Viveku. Ram Naam Avalamban Eku. And watch at the end: Pai na kehi speed patit pawan ram bhaji sunu shath mana. Payo Param Vishram Ram Samaan Prabhu Nahi Nahi Kahan. Thus the name of Ram is the ultimate truth, Ramakhyamisham Harim. Jai Shree Sitaram. Sitaram Sitaram Sitaram Say, whatever method is kept, Ram stay merry. Jai Shree Sitaram. Brothers, this is the speech of a normal woman.