भगवान कृष्ण सब के साथ सौदेबाजी नहीं करते हैं। जो राम नाम भगवान को भजते हैं भगवान उस के साथ उतने ही समय सौदेबाजी करते हैं।
भगवान कहते हैं तुने मुझे जब तक अपना बना रखा है। जब तक तु राम राम कृष्ण कृष्ण जपता है। तब तक मैं तेरे आगे पीछे घुंमता हूं ।
जैसे रोटि खाते हैं तब वह रोटी हमारे पेट की भूख को तीन चार घंटे शान्त करती है ऐसे ही तु मेरे नाम जप कीर्तन में भाव में रहेगा,
तब तक तुझे प्रभु प्रेम से आन्नद से तृप्त करते रहेंगे । तु सोचता है बस एक बार श्री हरि का चिन्तन कर लिया अब भगवान मुझ पर हमेशा कृपा बरसाते रहेंगे,
ऐसे काम चलने वाला नहीं है। दिल तो एक ही है ।दिल मे जब तक तुने मुझे बिठाया उतने समय तक तुझे लगा मै तुम से बात कर रहा हूं।
मै तुम पर कृपा करता हूं। तुझे मेरा रूप आनंद की बरसात करने वाला लगता रहा। तु मुझे भुल जाता है मै भी तुझे भुल जाता हूं।
तु मुझे दिल से लगाता नहीं तो मैं क्या करूं। तु तो पहले किए सिमरण पर आंहे भरता है। जितना तु नाम धन लेगा भाव भरेगा उतना ही मै तेरा बनता जाऊगा।
अ प्राणी तु सांस सांस से श्री कृष्ण हरि मुरारी की रटना लगाले। तभी तुझे श्री हरि के आनन्द मे सरोबार होगा। तुझमें तेरा मै मर जाएगा, मटकी फुट जाएगी। मटकी के फुटते ही श्री हरि के दर्शन होंगे जय श्री राम अनीता गर्ग