आज अयोध्या की गलियों में घूमे जोगी मतवाला,
अलख निरजंन खड़ा पुकारे देखुंगा दशरथ लाला,
शैली श्रृंगी लिये हाथ में और डमरू त्रिशूल लिये,
छमक छमाछम नाचै जोगी दरस की मन में चाह लिये,
पग में घुघरू छम-छम बाजै, कर में जपते है माला,
आज अयोध्या की गलियों में घूमे जोगी मतवाला,
अंग भभूत रमाये जोगी, बाघम्बर कटि में सोहै,
जटाजूट में गंग विराजै, भक्तन के मन को मोहे,
मस्तक पर श्री चन्द्र विराजे, गले मे सर्पो की माला,
आज अयोध्या की गलियों में घूमे जोगी मतवाला,
राजद्वार पर खड़ा पुकारे, बोलत है मधुरी बानी,
अपने सुत को दिखादे मैया, ये जोगी मन में ठानी,
लाख हटाओ पर ना मानूं, देखूगा दशरथ लाला,
आज अयोध्या की गलियों में घूमे जोगी मतवाला,
मात कौशिल्या द्वार पे आई, अपने सुत को गोद लिये,
अति विभोर हो शिव जोगी ने, बालरूप के दरस किये,
चले सुमिरते राम नाम को, कैलासी काशी वाला,
आज अयोध्या की गलियों में घूमे जोगी मतवाला,
Jogi Matwala walked the streets of Ayodhya today,
Alakh Nirjan Khada Pukare Delunga Dasharath Lala,
Shaili Shringi liye haath mein aur Damru trishul liye,
Chhamak Chhamachham Nachai Jogi Dars Ki Man Mein Chaah Liye,
Pag me ghughru chham-chham baje, kar me japte hai mala,
Ang bhabhut ramaye jogi, vaghambar kati me sohai,
Jatajuta me ganga viraje, bhaktan ke man ko mohe,
Sri Chandra sits on his head, with a garland of snakes around his neck,
Rajdwar par khada pukare, bolt hai madhuri bani,
Apne Sut Ko Dikhade Maiya, Ye Jogi Man Me Thani,
Lakh Hatao Par Na Manun, Dekhuga Dasharath Lala,
Mat Kaushilya Dwar Pe Aai, Apne Sut Ko God Liye,
Ati vibhor ho shiv jogi ne, balrup ke dars kiye,
Chale Sumirte Ram Naam Ko, Kailash Kashi Wala,