आज अयोध्या नगरी में श्री राम पधारे हैं,
मिलने रघुवर को देवो के देव पधारे हैं,
आज अयोध्या नगरी में श्री राम पधारे हैं,
मिलने सीयावर राम को तीनो लोक आ रहे हैं,
आज अयोध्या नगरी में श्री राम पधारे हैं,
मिलने सीयावर राम को तीनो लोक आ रहे हैं,
कैसा ये उत्सव खुशी से सब रोते जा रहे हैं,
भरत लखन संग शत्रुघन नम आँखों से गा रहे हैं,
राम नाम के राग में रमते हुए जा रहे हैं,
सियावर राम जय जय राम,
सियावर राम जय जय राम,
मेरे प्रभु राम सीता राम,
सियावर राम जय जय राम,
मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी
आज अयोध्या नगरी में श्री राम पधारे हैं………
जय सिया राम जय जय
जय सिया राम जय जय
जय सिया राम बोलो
जय सिया राम……
अयोध्यापुरी श्री राम सभी पर प्रेम की बारिश किए जा रहे हैं,
हनुमन भी चुटकी को बजा कर राम नाम लिए जा रहे हैं,
राम मधुर संगीत को सुनकर सप्तऋषि संतोष हो गए,
भव्य सजा दरबार सिया का रामनाम के डंके बज रहे,
राम यहां हैं राम वहां हैं,
जिस और देखुँ राम वहां हैं,
तेरे अंदर मेरे अंदर सबके अंदर राम बसा है,
सियावर राम जय जय राम,
सियावर राम जय जय राम,
मेरे प्रभु राम सीता राम,
सियावर राम जय जय राम,
आज अयोध्या नगरी में श्री राम पधारे हैं,
आज अयोध्या नगरी में श्री राम पधारे हैं,
आज अयोध्या नगरी में श्री राम पधारे हैं,
मिलने रघुवर को देवो के देव पधारे हैं,
जय सिया राम जय जय,
जय सिया राम जय जय,
जय सिया राम बोलो,
जय सिया राम……