आज मुझे न कोई रोको के साई को मनाना है,
मांग के देखो एक बार जिन्हो ने कुछ पाना है,
आज मुझे न कोई रोको के साई को मनाना है,
जिस पे साई की मेहर हो जाये दुःख सारे उसके मिट जाये,
भव से होता पार जो साई को रिजाता है,
आज मुझे न कोई रोको के साई को मनाना है,
श्रद्धा सबुरी सबक है इनका जो जपले सुख उसे मिलता,
दुःख ना आता पास जो साई गुण गाता है,
आज मुझे न कोई रोको के साई को मनाना है,
दर पे आया तेरे सरगम गुण गाये गा तेरे हरदम,
जपना तेरा नाम तुझे ही रिझाना है,
आज मुझे न कोई रोको के साई को मनाना है,
Today I don’t have to stop anyone, I have to celebrate Sai.
Look at the demand, once those who have got something,
Today I don’t have to stop anyone, I have to celebrate Sai.
Wherever Sai is favored, all sorrows will be erased from him,
Passing through Bhava that pleases Sai,
Today I don’t have to stop anyone, I have to celebrate Sai.
Reverence is Saburi’s lesson, the happiness he gets by chanting them,
Sadness does not come near the one who sings the praises of Sai,
Today I don’t have to stop anyone, I have to celebrate Sai.
Dar pe aaya tere sargam gune gaaye tere hardam,
Chanting your name is to seduce you,
Today I don’t have to stop anyone, I have to celebrate Sai.