आज शुक्रवार है माँ अम्बे का वार है

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आज शुक्रवार है माँ अम्बे का वार है,
ये सच्चा दरबार है लाल चुनर ओढे है मैया सिंह पे असवार है,

चण्ड मुंड ने स्वर्ग में आके जब उत्पात मचाया है,
देवो की विनती पे माँ ने रूप विराट बनाया है,
चण्ड मुण्ड पर वार है इनका फिर संगार है,
लाल चुनर ओढे है मैया सिंह पे असवार है,

शुम्ब निशुंभ को मारने वाले महिषासुर की घाटी है,
माहकाल के संग विराजे महाकाली कहलाती है,
हाथो में कतार है खपर भी ये धार है ,
लाल चुनर ओढे है मैया सिंह पे असवार है,

कोई कहता दुर्गा तुमको कोई कहता काली है,
पिंडी रूप में वैष्णो मैया दर्शन देने वाली है,
करती वेडा पार करती माँ उधार है,
लाल चुनर ओढे है मैया सिंह पे असवार है,

नवरातो में नो रूपों में सबके घर माँ आती है,
कंजक रूप में हलवा चने का मैया भोग लगती है,
शक्ति का अवतार है होती जय जय कार है,
लाल चुनर ओढे है मैया सिंह पे असवार है,

Today is Friday, Mother Ambe’s war,
This is the true court, Lal Chunar is wearing, Maiya Singh is asawar,

When Chand Mund came to heaven and created a ruckus,
On the request of the gods, the mother has made the form Virat,
There is a blow on Chand Mund, then there is Sangar.
Laal chunar is worn on Maiya Singh,

Shumba is the valley of Mahishasura, who killed Nishumbha.
The one who sits with Mahkaal is called Mahakali.
There is a queue in the hands, but this edge is also there,
Laal chunar is worn on Maiya Singh,

Some say Durga, some call you Kali,
Vaishno Maiya in the form of Pindi is about to appear,
The mother who crosses the Vedas is a loan,
Laal chunar is worn on Maiya Singh,

Mother comes to everyone’s house in Navrato in no forms.
In the form of kanjak, gram flour pudding is enjoyed,
Is the embodiment of power, Jai Jai is the car,
Laal Chunar is worn on Maiya Singh,

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