आये है दिन नवरातो के मेरी मैया के जगरातों के,
जिस घर में माँ की ज्योत जलाई जाती है,
माँ नवरातो में धन बरसाने आती है ,
तू खर्चा कर नवरातो में तू खर्चा कर जगरातों पे,
फिर तू देख माँ कैसे तकदीर बनाती है,
माँ नवरातो में धन बरसाने आती है ,
जिस घर में होते नवराते वहा माँ के पैर पड़ जाते,
उस घर की लुगाई सेठानी कहलाती है,
माँ नवरातो में धन बरसाने आती है ,
जब देती माँ देती जाये लाखों के करोडो बन जाये,
महंगी चीजे सस्ती लगने लग जाती है,
माँ नवरातो में धन बरसाने आती है ,
तेरी किस्मत बंद है ताले में,
और चाभी माँ के हवाले में,
कहता है पवन मैया वो चाभी घुमाती है,
माँ नवरातो में धन बरसाने आती है ,
The days of Navrato have come for the Jagrats of my Maya,
The house where the mother’s flame is lit,
Mother comes to shower wealth in Navrato,
You spend in Navrato, you spend on Jagrats,
Then you see how mother makes fortune,
Mother comes to shower wealth in Navrato,
Mother’s feet would fall in the house where she used to be in Navarat.
The lugai of that house is called Sethani.
Mother comes to shower wealth in Navrato,
When the giving mother keeps giving, it becomes millions of crores,
Expensive things start looking cheap
Mother comes to shower wealth in Navrato,
Your luck is locked in the lock,
and hand over the key to mother,
Says Pawan Maiya she turns the key,
Mother comes to shower wealth in Navrato,