बावरे नैना भर रहे रात भर,
सोये जागे जागे सोये जाने किस बात पर,
मन खुश भी है बेचैन भी,
उल्जन कैसी दिन रेन की,
अब तू ही आके बोल कान्हा गांठे सारी खोल,
तू जो कह दे चल जाओ इस आग पर,
मन चाहे पंख लगाकर सारी खुशियां ये पा कर कही उड़ जाऊ,
इन मुस्कानो पे मेरा अधिकार है क्या सोचु मैं डर जाऊ,
हस्ते कदमो से क्यों बढ़ जाऊ कही राहो में ना खो जाऊ,
अब तू ही आके बोल कान्हा गांठे सारी खोल,
तू जो कह दे चल जाओ इस आग पर,
होली के रंग से गहरा मेरा तन मन पे आ ठहरा ये रंग है क्या,
बैठी हु सुध बुध खो के कोई अँखियो हो के कुछ बोल गया,
हर आँखे भी खाये धोखे झूठे निकले ने जग सपनो के,
अब तू ही आके बोल कान्हा गांठे सारी खोल,
तू जो कह दे चल जाओ इस आग पर,
जो टूट गए है सपने जाने क्यों बन कर अपने लौट आते है,
नहीं मंजिल जिन रास्तो पर क्यों उनपर कदम रुक रुक कर बढ़ जाते है,
जो तेरा नहीं सुन मन पगले क्यों माने न तू क्यों न समबले
अब तू ही आके बोल कान्हा गांठे सारी खोल,
तू जो कह दे चल जाओ इस आग पर,
निकले सारे पल चाहत के
कागज़ के निकले सारे उड़ गये सब जाने कहा रे पल चाहत के,
ऐसे बदला ये मंजर कुछ तू गया मेरे अंदर बिन आहत के,
एहसास जगाये तूने जिस दिल में,
फिर तोडा वही दिल कैसे तूने,
अब तू ही आके बोल कान्हा गांठे सारी खोल,
तू जो कह दे चल जाओ इस आग पर,
Bawre Naina is filling up the whole night,
Waking up to sleep, on what to sleep?
The mind is happy also restless,
Uljan Kisi Din of Rain,
Now you come and say, open all the knots,
Whatever you say, go on this fire,
If I want to put wings and get all the happiness, I can fly somewhere,
I have a right on these smiles, do I think I will be scared,
Why should I move with the steps, don’t get lost in the path?
Now you come and say, open all the knots,
Whatever you say, go on this fire,
My body is darker than the color of Holi, what is this color?
I am sitting and lost some eyes and said something,
Every eye also ate deceit, the liar turned out to be the world of dreams,
Now you come and say, open all the knots,
Whatever you say, go on this fire,
Those who are broken know why dreams come back to themselves,
No destination, the paths on which why steps on them increase intermittently,
Whoever doesn’t listen to you, why don’t you feel mad?
Now you come and say, open all the knots,
Whatever you say, go on this fire,
Wanted all the moments out
All the pieces of paper flew away.
This scene changed in such a way that you went inside me without hurting,
In the heart in which you awaken the feeling,
Then how did you break the same heart,
Now you come and say, open all the knots,
Whatever you say, go on this fire,