माँ के दीवाने आये है दुवारियां,
आंबे मैया ओ जरा खोलो जी किवडिया,
उची पहाड़ी चढ़ के है ये दर्शन की लेके पुकार,
देरी करो न हे माँ भवानी खोलो न मंदिर के द्वार,
लेके है आये लाली चुनरियाँ आंबे मैया जरा खोलो जी किवडिया,
तेरी दया से लंगड़ा चले माँ अन्धो को मिल जाते नैन
मिल तेरी मर्जी से पता हिले न सुख दुःख भी है तेरी देंन
हम पे भी करदो अपनी नजरियाँ आंबे मैया जरा खोलो जी किवडिया,
Mother’s lovers have come,
Aambe maiya o just open ji kivadia,
Climbing a high hill, it is a call for darshan,
Do not delay, O Mother Bhavani, do not open the doors of the temple,
Lek hai aaye lali chunariyan aambe maiya, just open yourselves,
Mother who goes lame because of your mercy, the blind would have found Nain
Get your wish to know that neither happiness nor sorrow is your gift.
Put your eyes on us too, aambe maiya, just open your mind,