आँगन में आप पधारिये माँ गोरी के ललन
प्रथम निम्रंत आप को करते तुम्हे नमन
आँगन में आप पधारिये माँ गोरी के ललन
विगन हरन मंगल के दाता तुम हो सब के भाग्ये विध्याता,
जो गणपति को प्रथम मनाता रिधि सीधी सुख समपती पाता,
पूजे भगवन आप को लागी तेरी लगन
आँगन में आप पधारिये माँ गोरी के ललन
हार चडाऊ फूल चड़ाऊ मोदक मिश्री भोग लगाऊ
चन्दन की चोंकी पे बिठाऊ सु चरणों में शीश झुकाऊ,
सेवा करो सवीकार दास की आये तेरी शरण
आँगन में आप पधारिये माँ गोरी के ललन
मंगल माये शुभ कारी मूरत वर कार में तेरी जरूरत
दिव्य अमित अद्भुत है सूरत तुम से ही होता शुभ मूरत,
तन मन तुझको है अर्पण हर लो मेरे विगन
आँगन में आप पधारिये माँ गोरी के ललन
You come to the courtyard, the passion of Mother Gori
first salute to you
You come to the courtyard, the passion of Mother Gori
You are the bestower of auspiciousness and luck for all,
The one who celebrates Ganpati first, gets rid of direct happiness,
Worship Bhagwan Aapko Lagi Teri Lagna
You come to the courtyard, the passion of Mother Gori
Haar Chadau Phool Chadau Modak Mishri Bhog Lagau
Sit on a sandalwood chunki and bow my head at my feet.
Do the service of Savikar Das, come your refuge
You come to the courtyard, the passion of Mother Gori
Mangal Maye Shubh Kari Murat Vaar Car Mein Your Need
Divine Amit is wonderful,
Your body is your offering
You come to the courtyard, the passion of Mother Gori