अपनी दीवानी को बिरहन बना के,
क्यों तू बुलाया श्याम मथुरा में जा के
अपनी दीवानी को बिरहन बना के,
निष् दिन यमुना तट पे बंसी बजाते थे
अपनी प्रीत की धुन में पागल बनाते थे
शीश जैसा तोड़ दिल को लगा के
अपनी दीवानी को बिरहन बना के,
दिल से चैन छीन लिया नैनो से निंदिया
धू मिल पड़ी श्याम है तेरे बिना बिंदियाँ
सूज गई आँखे संजय नीर बहा के
अपनी दीवानी को बिरहन बना के,
Make your lover a Birhan,
Why did you call Shyam to go to Mathura?
Make your lover a Birhan,
Every day used to play flute on the banks of Yamuna
used to make mad in the tune of his love
To break my heart like a glass
Make your lover a Birhan,
Nindia took away peace from the heart
Dhu mil padi shyam hai without you bindis
Swollen eyes of Sanjay Neer Baha
Make your lover biharan,